ग़श का अर्थ
[ gaesh ]
ग़श उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- रोग, भय, शोक आदि से उत्पन्न वह अवस्था जिसमें प्राणी निश्चेष्ट या संज्ञाहीन हो जाता है:"मामा की मौत की खबर सुनते ही मामी को बेहोशी आ गयी"
पर्याय: बेहोशी, मूर्च्छा, मूर्छा, अचेतनता, अचेतावस्था, अचेतपना, ज्ञानशून्यता, संज्ञाशून्यता, अचेष्टता, बेखुदी, गश, बेसुधी, बदहवासी, शून्यमनस्कता
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- ग़श आता पे हम है हम को
- ग़श का आलम , तब तो अच्छा है..!!
- “तेरी आवाज़ का था सुनना , और मेरा ग़श खाके गिरना
- होती है जो फ़रसत ग़श से
- ” के पेशे नज़र कभी ग़ुलो ग़श गवारा न करते थे।
- दिल में आ जाए है होती है जो फ़ुर्*सत ग़श से
- पहाड़ के बीचों बीच आत-आते वह थककर बैठ गयी , उसे ग़श आ गया।
- पहाड़ के बीचों बीच आत-आते वह थककर बैठ गयी , उसे ग़श आ गया।
- नकहते मै पे जो ग़श हैं ‘ हाली ‘ उनको दुर्दो सफ़ा से क्या मतलब
- उस पल अगर उसने क़रीबी दीवार का सहारा न लिया होता तो शायद ग़श खा कर गिर जाता .