गोमेदक का अर्थ
[ gaomedek ]
गोमेदक उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- गोमेदक उपरत्न : तुरसाब , जिरकन , तुस्सा और साफी।
- इसे गोमेदक के नाम से भी जाना जाता है .
- गोमेदक लहसुनिया और नीलम जांच परख कर धारण किए जा सकते हैं।
- संस्कृत में गोमद को गोमेदक , पीत रक्तमणि, पिग स्फटिक कहा गया है.
- कभी कभी , जेड, संगमरमर या गोमेदक मालिश के लिए प्रयोग किया जाता है.
- इसके लिए गोमेदक , लहसुनिया और नीलम भी जांच परखकर धारण किए जा सकते हैं।
- इसके लिए गोमेदक लहसुनिया और नीलम आदि रत्न भी जांच परख कर धारण किए जा सकते हैं।
- गोमेद रत्न परिचयः गोमेद को संस्कृत में गोमेदक , पिगस्फटीक , पीतरक्तमणि , तमोमणि , राहु रत्न , अंग्रेजी में ऐगेट , चीनी में पीली , बंगला में मोदित मणि , अरबी में हजार यमनी कहते हैं।
- ( 1) वज्र (2) मरकत (3) पद्रमराज (4) वैदूर्य (5) विमलक (6) स्फटिक (7) सौगन्धिक (8) शंख (9) इन्द्रनील (10) कर्केतर (11) रुधिर (12) पुलक (13) राजमणि (14) शशिकान्त (15) गोमेदक (16) महानील (17) पुष्पराग (18) ज्योतिरस (19) मुक्ता (20) ब्रह्ममणि (21) सम्यक (22) प्रवाल।
- एक फ्रांसीसी युवक विद्यार्थी जीन ली ने लिखा है- ' प्राचीन लोगों ने अपने आपको अमर बनाने के लिए बहुमूल्य पत्थरों और टिकाऊ सामग्री-सोना , चांदी , कांसा , संगमरमर , गोमेदक रत्न , भवन निर्माण के लिए उपयोगी कठोर पत्थरों-का प्रयोग किया था।