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गोरखपंथ का अर्थ

[ gaorekhepneth ]
गोरखपंथ उदाहरण वाक्य

परिभाषा

संज्ञा
  1. एक शैव मतानुगामी साधु सम्प्रदाय जिसका प्रसार गोरखनाथ ने किया था:"भारत में आज भी गोरखपंथ के अनुयायी पाये जाते हैं"
    पर्याय: नाथ सम्प्रदाय, नाथ पंथ, गोरख-पंथ, गोरख पंथ, नाथपंथ, नाथ-पंथ

उदाहरण वाक्य

  1. गोरखपंथ के ये संस्कृत ग्रंथ पाए जाते हैं सिद्ध -सिध्दांत-पद्ध ति , विवेक मार्तंड , शक्ति-संगम-तंत्र , निरंजन पुराण , वैराटपुराण।
  2. देशभाषा में लिखी गोरखपंथ की पुस्तकें गद्य और पद्य दोनों में हैं और विक्रम संवत् 1400 के आसपास की रचनाएँ हैं।
  3. स्त्रोत के आरंभ में जो ' संध्या ' शब्द है नाथपंथ में उसका पारिभाषिक अर्थ है ' सुषुम्ना नाड़ी की संधि में प्राण का जाना ' इसी प्रकार ' निरंजन भी गोरखपंथ में उस ब्रह्म के लिए एक रूढ़ शब्द है जिसकी स्थिति वहाँ मानी गई है जहाँ नाद और बिंदु दोनों का लय हो जाता है नादकोटि सहस्राणि बिंदुकोटि शतानि च।


के आस-पास के शब्द

  1. गोरखअमली
  2. गोरखइमली
  3. गोरखधंधा
  4. गोरखधन्धा
  5. गोरखनाथ
  6. गोरखपंथी
  7. गोरखपुर
  8. गोरखपुर ज़िला
  9. गोरखपुर जिला
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