घुरुवा का अर्थ
[ ghuruvaa ]
घुरुवा उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक पशु रोग:"इस बैल को घुरुवा हो गया है"
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- “पुत्र कुपुत्रो जायेतक्वचिदपि माता कुमाता न भवति” दिलीप भाई आ गया फिर घुरुवा ( कचरे का ढेर) सहित।
- इनमें माड़ियों का ककसार , डंडामी माड़ियों का सींगों वाला नृत्य , तीना-तामेर नृत्य , डंडारी नाचा , मड़ई , परजा जाति का परब नृत्य , घुरुवाओं का घुरुवा नृत्य , कोयों का कोया नृत्य , गेंडी नृत्य , भतराओं का भतरा वेद पुरुष स्मृति और छेरना नृत्य प्रमुख है।
- घुरुवा के दिन घलो बहुरथे घुरुवा के दिन घलो बहुरथे * ऊपर दिखत हे तउन फ़ोटू माँ दू ठन हा “ घुरुवा ” के आय अउ एक ठन हा अइसे बस्ती के , जेन ला “ घुरुवा ” च केहे जा सकथे . हमन देखे होबो अउ अनुभव घलो करे होबो के गाँव मा “ घुरुवा ” के का मह ...
- घुरुवा के दिन घलो बहुरथे घुरुवा के दिन घलो बहुरथे * ऊपर दिखत हे तउन फ़ोटू माँ दू ठन हा “ घुरुवा ” के आय अउ एक ठन हा अइसे बस्ती के , जेन ला “ घुरुवा ” च केहे जा सकथे . हमन देखे होबो अउ अनुभव घलो करे होबो के गाँव मा “ घुरुवा ” के का मह ...
- घुरुवा के दिन घलो बहुरथे घुरुवा के दिन घलो बहुरथे * ऊपर दिखत हे तउन फ़ोटू माँ दू ठन हा “ घुरुवा ” के आय अउ एक ठन हा अइसे बस्ती के , जेन ला “ घुरुवा ” च केहे जा सकथे . हमन देखे होबो अउ अनुभव घलो करे होबो के गाँव मा “ घुरुवा ” के का मह ...
- घुरुवा के दिन घलो बहुरथे घुरुवा के दिन घलो बहुरथे * ऊपर दिखत हे तउन फ़ोटू माँ दू ठन हा “ घुरुवा ” के आय अउ एक ठन हा अइसे बस्ती के , जेन ला “ घुरुवा ” च केहे जा सकथे . हमन देखे होबो अउ अनुभव घलो करे होबो के गाँव मा “ घुरुवा ” के का मह ...
- घुरुवा के दिन घलो बहुरथे घुरुवा के दिन घलो बहुरथे * ऊपर दिखत हे तउन फ़ोटू माँ दू ठन हा “ घुरुवा ” के आय अउ एक ठन हा अइसे बस्ती के , जेन ला “ घुरुवा ” च केहे जा सकथे . हमन देखे होबो अउ अनुभव घलो करे होबो के गाँव मा “ घुरुवा ” के का मह ...
- अब आया ऊँट पहाड़ के नीचे अब आया ऊँट पहाड़ के नीचे * हमें क्या मालूम था , लोगों के आशीर्वाद मिल रहते थे वे थे सब “ छद्म ” और थे हम आँख मीचे अब न रहेगा बांस ना रहेगी बांसुरी “ * घुरुवा ” * हट जाएगा हम तो लेते हैं विदा इस ब्लॉग की दुनिया से , ...
- अब आया ऊँट पहाड़ के नीचे हमें क्या मालूम था , लोगों के आशीर्वाद मिल रहते थे वे थे सब “ छद्म ” और थे हम आँख मीचे अब न रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी “ घुरुवा ” हट जाएगा हम तो लेते हैं विदा इस ब्लॉग की दुनिया से , मित्रों को देते हुए शुभकामनाएं पल्लवित , पुष्पित इस बगिया को सुविचारों से हमेशा की तरह सींचें .