घृतमणि का अर्थ
[ gheritemni ]
घृतमणि उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- परिचय- घृतमणि एक विशेष प्रकार का पत्थर है।
- परिचय- घृतमणि एक विशेष प्रकार का पत्थर है।
- जबरजद्द- यह हरे रंग का आभायुक्त मुलायम पत्थर होता है , इसे घृतमणि भी कहते हैं।
- ( 2) कन्या राशि पर सूर्य, चन्द्र अथवा बुध के होने पर घृतमणि को सोने की अँगूठी में जड़वाकर दाएँ हाथ की कनिष्ठिका अँगुली में धारण किया जाता है।
- ( 2) कन्या राशि पर सूर्य, चन्द्र अथवा बुध के होने पर घृतमणि को सोने की अँगूठी में जड़वाकर दाएँ हाथ की कनिष्ठिका अँगुली में धारण किया जाता है।
- प्रभाव- घृतमणि की अँगूठी धारण करने से धन , संतान, स्नेह की वृद्धि होती है तथा छोटे बच्चों के गले में पहनाने से बुरी नजर का दोष, मृगी रोग का भय नहीं रहता है।
- प्रभाव- घृतमणि की अँगूठी धारण करने से धन , संतान, स्नेह की वृद्धि होती है तथा छोटे बच्चों के गले में पहनाने से बुरी नजर का दोष, मृगी रोग का भय नहीं रहता है।
- प्रयोग- ( 1) मिथुन राशि में सूर्य अथवा चन्द्रमा के होने पर घृतमणि को चाँदी की अँगूठी में लगवाकर हस्त नक्षत्र में सूर्यमन्त्र से अभिमन्त्रित करके बाएँ हाथ की अनामिका अँगुली में धारण किया जाता है।
- प्रयोग- ( 1) मिथुन राशि में सूर्य अथवा चन्द्रमा के होने पर घृतमणि को चाँदी की अँगूठी में लगवाकर हस्त नक्षत्र में सूर्यमन्त्र से अभिमन्त्रित करके बाएँ हाथ की अनामिका अँगुली में धारण किया जाता है।
- रत्नों में ही पाँच मुख्य महारत्न तथा पाँच मुख्य मणियाँ होती हैं , जो निम्न प्रकार हैं- पाँच मुख्य महारत्न - हीरा मोती माणिक्य पन्ना नीलम पाँच मुख्य रत्न - पुखराज वैदूर्य गोमेद मूँगा अर्थात प्रवाल फरोजा मुख्य मणियाँ मुख्य मणियाँ- वैसे मणियाँ तो असंख्य हैं, परन्तु मुख्यतः 9 मणियों की मान्यता अधिक है, जो निम्न हैं- घृतमणि तैलमणि भीष्मक मणि उपलक मणि स्फटिक मणि पारस मणि उलूक मणि लाजावर्त मणि मासर मणि मणियाँ भी रत्नों की ही तरह ग्रहों के कारण उत्पन्न अनिष्ट को शांत करती हैं तथा मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ होती हैं।