चिर-काल का अर्थ
[ chir-kaal ]
चिर-काल उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- जिनका निखिल विश्व में कोई कहीं न अपना होगा , मन में लिए उमंग जिन्हें चिर-काल कलपना होगा . '
- पवनकुमार श्रीहुनमानजी के इस पञ्चरत्न नामक स्तोत्र का जो पाठ करता है , वह इस लोक में चिर-काल तक समस्त भोगों को भोगकर श्रीराम-भक्ति का भागी होता है।
- ईशान की अनुपम जोड़ी के स्नेह एवं सुख की सुवास दोनों परिवारों को चिर-काल तक आनन्द एवं सौभाग्य से व्याप्त करती रहे ! आपको बहुत-बहुत बधाई !
- पवनकुमार श्रीहुनमानजी के इस पञ्चरत् न नामक स्तोत्र का जो पाठ करता है , वह इस लोक में चिर-काल तक समस्त भोगों को भोगकर श्रीराम-भक्ति का भागी होता है ।
- और बात जब जीशान भाई की चल रही थी , तो फिर अरविंद जी उनके चिर-काल से चली आ रही ‘ प्लैटिनम की खोज ' पर कमेंट करने से कैसे रह जाते?
- रश्मिरथी में स्वयं कर्ण के मुख से निकला है-मैं उनका आदर्श , कहीं जो व्यथा न खोल सकेगे पूछेगा जग , किन्तु पिता का नाम न बोल सकेंगे , जिनका निखिल विश्व में कोई कहीं न अपना होगा , मन में लिये उमंग जिन्हें चिर-काल कलपना होगा।
- रश्मिरथीरश्मिरथी में स्वयं कर्ण के मुख से निकला है- मैं उनका आदर्श , कहीं जो व्यथा न खोल सकेंगे , पूछेगा जग , किन्तु , पिता का नाम न बोल सकेंगे , जिनका निखिल विश्व में कोई कहीं न अपना होगा , मन में लिये उमंग जिन्हें चिर-काल कलपना होगा।
- आती समीर जैसे स्पर्श कर अंग एक अज्ञात किसी का , सुरभि सुमन्द में हो जैसे अंगराग-गंध , कुसुमों में चितवन अतीत की स्मृति-रेखा - परिचित चिर-काल की , दूर चिर-काल से ; विस्मृति से जैसे खुल आई हो कोई स्मृति ऐसे ही प्रकृति यह हरित निज छाया में कहती अन्तर की कथा रह जाती हृदय में।
- आती समीर जैसे स्पर्श कर अंग एक अज्ञात किसी का , सुरभि सुमन्द में हो जैसे अंगराग-गंध , कुसुमों में चितवन अतीत की स्मृति-रेखा - परिचित चिर-काल की , दूर चिर-काल से ; विस्मृति से जैसे खुल आई हो कोई स्मृति ऐसे ही प्रकृति यह हरित निज छाया में कहती अन्तर की कथा रह जाती हृदय में।
- आज फिर मैं इसी मनोस्थिति में गंगा तट पर पहुंचा था | चंहु ओर निशब्द नीरवता व्याप्त थी , कल-कल बहता हुआ जल , लगता था ..... हजारों साधक चिर-काल से समाधी में लींन हैं , गहन शांति की अनुभूति कर रहा था | भारत के एक प्रसिद्ध संत का कहा हुआ मुझे स्मरण आ रहा था “