चुक-चुक का अर्थ
[ chuk-chuk ]
चुक-चुक उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- आँसू तो चुक-चुक गये , लेकिन चुकी न पीर
- चुक-चुक आगे यों चल देने मे क्या तुक ?
- घड़ी की चुक-चुक पर चुक रहा था धैर्य - और एक दिन मानस की एक चौपाई पर अटकने लगा पाठ -
- नृत्य कुछ देर रुकता है , बोली गूंजती है - अपने अंदाज़ में - तेरी सजरी पैर दी रेता ! चुक-चुक लावां अखियां !!
- नृत्य कुछ देर रुकता है , बोली गूंजती है - अपने अंदाज़ में - तेरी सजरी पैर दी रेता ! चुक-चुक लावां अखियां !!
- आँधियाँ है बहती रहेंगी चुपचाप ही सही तुम्हारा दिया पीर भी सहती रहेंगी चुपचाप ही सही जिसकी पड़पड़ाहट सुन कर चिड़ियों से चुक-चुक , चिक-चिक चहकेंगी ही उन मुरझाई कलियों से किलक कर कुसुमावलि फूटेंगी ही ....