छंदोभंग का अर्थ
[ chhendobhenga ]
छंदोभंग उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- छंद रचना का एक दोष:"छंदोभंग वर्ण आदि की गणना या लघु गुरु आदि नियमाभाव के कारण होता है"
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- गीत में छंदोभंग स्वीकार्य नहीं है , इसलिए अधकचरी साधना
- यहां भी ‘‘ वरेणिय ‘‘ कहने से छंदोभंग नहीं होता।
- अतएव छंदोभंग न करने का दंडक वे अवश्य ही पालते होंगे।
- अतएव इस छंदोभंग को टालने के लिए ‘‘ महानां ‘‘ को ‘‘ महा अनाम् ‘‘ कहने के बिना काई मार्ग नहीं।
- वधेर्वधस्नवींखय। ‘‘ ईंखय और इन्दो का संधि कर कहने से न केवल छंदोभंग होता है , अपितु अंत्य यमक भी भग्न होता है।
- व्याकरण की दृष्टि से यदि मैं मोहि के ‘‘ मो ‘‘ को द्विमात्रक पढ़ूं तो छंदोभंग होकर चौपाई का चौपाईपन ही नष्ट हो जाएगा।
- संयुक्ताक्षर में य और व हों , तो कई जगह इस प्रकार इकार या उकार का विश्लेष अनुक्रमतः करके ही छंदोभंग टाला जा सकता है।
- महादेव ने भी जब आँख खोल दी तो तुक बिगड़ गया , छंदोभंग हो गया , त्रैलोक्य को मदविह्वल करने वाला देवता भस्म हो गया।
- महादेव ने भी जब आँख खोल दी तो तुक बिगड़ गया , छंदोभंग हो गया , त्रैलोक्य को मदविह्वल करने वाला देवता भस्म हो गया।
- इस रीति से जब प्रथम तथा तृतीय चरण आगे के चरण से मिलाकर-अर्थात अंत का स्वर अगले स्वर से संधियुक्त होकर कहा जाता है , तब छंदोभंग अनिवार्य रूप से हो ही जाता है।