छलहीन का अर्थ
[ chhelhin ]
छलहीन उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषणउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- सं . कपटरहित, छलहीन, खल्वाट, जिसकी दाढ़ी न हो, पु. बुद्ध.
- पर तुम आओ फिर भी , और देखो तो इस स्वर्ग को जहां हम साथ थे कभी -प्रसन्न और छलहीन ! आह।
- मुकुटधर पांडेय की कविता ग्राम्य जीवन याद आयी; शान्ति पूर्ण लघु ग्राम बड़ा ही सुखमय होता है भाई देखो नगरों से भी बढ़कर इनकी शोभा अधिकाई कपट द्वेष छलहीन यहाँ के रहने वाले चतुर किसान दिवस बिताते हैं प्रफुलित चित , करते अतिथि द्विजों का मान ।
- गाँव की हवा , गाँव की गोधूलि, गाँव के हरिआते दृश्य, सादगी और सरलता का छलहीन जीवन, खिलती हिना और खुशबू फैलाती शेफालिका, महुए की मादक महक, सरसों के पील-पीले फूलों पर झड़ती ओस की झीसियाँ, सावन के झूले और हाथों में खिलते मेंहदी के फूल-किसे आकृष्ट नहीं करते ?
- नवधा भक्ति है- संतों का संग करना , भगवान की कथा सुनना, गुरु सेवा, प्रभु का गुणगान, मंत्र जाप, शील और सज्जनता का पालन (सबमें ईश्वर का वास है,यह महसूस करना), संतों को ईश्वर का प्रतिनिधि मानना, जो कुछ मिल जाए उसमें संतोष करते हुए, आगे बढ़ने के लिए ईमानदारी से प्रयत्न करते रहना, छलहीन व्यवहार और नौंवां है- ईश्वर में संपूर्ण भरोसा।
- नवधा भक्ति है- संतों का संग करना , भगवान की कथा सुनना , गुरु सेवा , प्रभु का गुणगान , मंत्र जाप , शील और सज्जनता का पालन ( सबमें ईश्वर का वास है , यह महसूस करना ) , संतों को ईश्वर का प्रतिनिधि मानना , जो कुछ मिल जाए उसमें संतोष करते हुए , आगे बढ़ने के लिए ईमानदारी से प्रयत्न करते रहना , छलहीन व्यवहार और नौंवां है- ईश्वर में संपूर्ण भरोसा।
- नवधा भक्ति है- संतों का संग करना , भगवान की कथा सुनना , गुरु सेवा , प्रभु का गुणगान , मंत्र जाप , शील और सज्जनता का पालन ( सबमें ईश्वर का वास है , यह महसूस करना ) , संतों को ईश्वर का प्रतिनिधि मानना , जो कुछ मिल जाए उसमें संतोष करते हुए , आगे बढ़ने के लिए ईमानदारी से प्रयत्न करते रहना , छलहीन व्यवहार और नौंवां है- ईश्वर में संपूर्ण भरोसा।