छान्दोग्योपनिषद् का अर्थ
[ chhaanedogayopenised ]
छान्दोग्योपनिषद् उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- मुख्य उपनिषदों में से एक :"छांदोग्य उपनिषद् सामवेद से संबंधित है"
पर्याय: छांदोग्य उपनिषद्, छांदोग्य उपनिषद, छांदोग्योपनिषद्, छांदोग्योपनिषद, छांदोग्य, छान्दोग्य उपनिषद्, छान्दोग्य उपनिषद, छान्दोग्योपनिषद, छान्दोग्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- यह भी छान्दोग्योपनिषद् का कथन है।
- छान्दोग्योपनिषद् के सातवें प्रपाठक-अध्याय-के नवें खण्ड में लिखा भी हैं
- छान्दोग्योपनिषद् में कहा गया है- “ आहारशुद्धौ सत्वशुद्धि : ।
- छान्दोग्योपनिषद् के पंचम प्रपाठक के 9वें खण्ड में लिखा हैं कि :
- ( छान्दोग्योपनिषद् , ३ / १ ४ ) अर्थात् यह पुरुष निश्चय ही संकल्पमय है।
- कुछ विचारकों के अनुसार छान्दोग्योपनिषद् में ऋषि उद्दालक आरुणि गांधार देश का वर्णन करते हैं।
- छान्दोग्योपनिषद् पर भाष्य लिखना भारत वर्ष में राष्ट्रीय एकता अखण्डता तथा सांस्कृतिक अखण्डता की स्थापना करना।
- - छान्दोग्योपनिषद् , 7 / 1 / 2 . 2 . ऋच : सामानि छंदासि पुराणं यजुषा सह।
- छान्दोग्योपनिषद् के अनुसार जिस प्रकार जल कमल की पत्ती पर नहीं ठहरता उसी प्रकार कर्म उससे चिपकते नहीं हैं .
- सामवेद की कौथुमशाखा में छान्दोग्योपनिषद् के अन्तर्गत आरण्यक भाग भी मिला हुआ है , किन्तु पृथक से उसका आरण्यक - रूप में अध्ययन प्रचलित नहीं है।