छीलनी का अर्थ
[ chhileni ]
छीलनी उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- घसकरहियों को अब सिवान भर चक्कर लगाकर घास नहीं छीलनी थी।
- शायद तीसरे दर्जे की बात है १९६२-६३ का समय , कक्षा में पेंसिल छीलनी
- ( अगर लौकी थोड़ी कड़ी है तो फिर पूरा छिलका छीलनी से हटा लें . )
- कृपया छीलनी से परवल का छिलका ना हटाएँ क्योंकि इसके छिलके बहुत विटामिन होते हैं .
- भगत ने चौंककर कहा- “ क्यों मुझसे क्या काम है ? ” चपरासी ने कहा- ” चलो लश्कर में घास छीलनी है।
- दर्द से तिरछी कमर और उस पर आंखों से नजदीक की चीज दिखायी नहीं पड़ती , फिर भी उसे घास छीलनी पड़ती .
- डाकबंगले पहुंचकर और टुन्न होने की प्रक्रिया में इस बार चौकीदार को भी शरीक किया गया क्योंकि शिकार करने के उपरान्त उसी ने मुर्गियां छीलनी थीं और उन्हें पकाना भी था .
- फिर वीरेन दा ने समझाया कि बेटा ये नौकरी है , इसमें कवि होने भर से काम नहीं चलता , थोड़ी-बहुत घास भी छीलनी पड़ती है- इंक्रीमेंट और स्केल के घोड़े जो पालने हैं।
- मसलन छोटी सी प्लेट , नदियों के पास पाई जाने वाली सीपी जिसने आधे हिस्से को पत्थर कि सिल पर घिस कर छीलनी बना ली जाती थी, पीसा हुआ नमक और पीसी हुई लाल मिर्च.
- उन्हें कभी असमय भूख लगती , कभी घंटे भर में 6 बार प्यास, कभी बाथरूम की याद, कभी पेंसिल छीलनी है, कभी रबड़ गिर/गिरा दी गयी, कभी पुस्तक नहीं मिल रही है, बाहर कोलाहल कैसा है आदि आदि।