जन-साहित्य का अर्थ
[ jen-saahitey ]
जन-साहित्य उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- साधारण जन-समाज में प्रचलित या उनसे संबंधित साहित्य:"लोकसाहित्य में लोक मानस का हृदय बोलता है"
पर्याय: लोकसाहित्य, जनसाहित्य, लोक-साहित्य, लोक साहित्य, जन साहित्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- यह जन-साहित्य बड़ा सजीव तथा सुंदर
- यह जन-साहित्य बड़ा सजीव तथा सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करता है।
- यदि बाज़ार से किसी का मुक़ाबला है तो वो जन-साहित्य का है .
- बांग्ला में और तेलुगू के जन-साहित्य में जनआंदोलनों को हमेशा उचित स्थान मिला है .
- जन-पत्रकारिता और जन-साहित्य ( या कहें लोकप्रिय साहित्य) का ऐसा माध्यम जिसने साहित्य और पत्रकारिता दोनों की ही तस्वीर बदल दी है।
- मेरी पहली बात के प्रमाण में ‘ विप्लव ' की भूमिका को लेकर की गई उनकी यह टिप्पणी यहां है ‘ … ‘ हंस ' से अलग ‘ विप्लव ' ने भी जन-साहित्य के निर्माण में योग दिया।
- एक तरफ वह जीवन और समाज की वैज्ञानिक दृष्टि से पड़ताल करती है , दूसरी तरफ वह जीवन में हस्तक्षेप करते हुए आम जनता के मानसिक स्तर को उन्नत करने के प्रयास से प्रेरित है और तीसरे मोर्चे पर वह जनता की सांस्कृतिक जरूरत को पूरा करने की जिम्मेदारी निभाते हुए जन-साहित्य की परंपरा को समृद्ध करती है।
- एक साहित्य है जो गुप्त कहलाता है , जो भारत मे अंग्रेजी राज जैसी पुस्तकों से भी ज्यादा खतरनाक है , क्योंकि उसका छापना १ ९ ४ ७ के पहले तो जुर्म था ही आज भी जर्म है , जो बहुत-सी दफ़्तरी बातों की तरह गुप्त होकर भी गुप्त नहीं रहता , जो आहार-निद्रा-भय आदि मे फंसे हुए आदमियों की जिन्दगी में एक बड़े सुखद लिटरेरी सप्लीमेण्ट का काम करता है और जो विशिष्ट साहित्य और जन-साहित्य की बनावट श्रेणियों को लांघकर व्यापक रुप से सबके ह्र्दय में प्रतिष्ठित है।