जहरमोहरा का अर्थ
[ jhermoheraa ]
जहरमोहरा उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक पत्थर जिसमें जहर के प्रभाव से मुक्त करने की शक्ति होती है:"जहरमोहरा की गिनती नौ उपरत्नों में होती है"
पर्याय: जहरमुहरा, जहर-मोहरा, जहर-मुहरा, ज़हरमोहरा, ज़हरमुहरा, ज़हर-मोहरा, ज़हर-मुहरा
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- यह निर्धनों के लिए मुक्ता और जहरमोहरा समझिए ।
- इन औषधियों में अर्जुन क़ी क्षाल , जहरमोहरा , मोतीपिष्टी , हृदयार्नव रस आदि प्रमुख हैं।
- इन औषधियों में अर्जुन क़ी क्षाल , जहरमोहरा , मोतीपिष्टी , हृदयार्नव रस आदि प्रमुख हैं।
- इसी तरह रजत , ताम्र, बंग, त्रिावंग, पित्तल, प्रवाल, लौह, मण्डूर, जहरमोहरा खताई, अकीक, संगजराहतु तथा कूर्मास्थि आदि भस्मों को तैयार किया जा सकता है।
- बंग भस्म १० ग्राम + प्रवाल पिष्टी १० ग्राम + त्रिबंग भस्म १० ग्राम + जहरमोहरा खताई भस्म १० ग्राम +शीतलचीनी ( इसे कबाबचीनी भी कहते हैं)
- १ . जहरमोहरा , मुक्ताशुक्ति भस्म , वंशलोचन , छोटी इलायची के बीजों का चूर्ण सबको बराबर मात्रा में ले कर सूक्ष्म कर लीजिए और सुबह दोपहर शाम आधा-आधा ग्राम दवा को आंवले के मुरब्बे के साथ लें ।
- १ . जहरमोहरा , मुक्ताशुक्ति भस्म , वंशलोचन , छोटी इलायची के बीजों का चूर्ण सबको बराबर मात्रा में ले कर सूक्ष्म कर लीजिए और सुबह दोपहर शाम आधा-आधा ग्राम दवा को आंवले के मुरब्बे के साथ लें ।
- साल में सिर्फ एक बार अपने खून में जहरमोहरा तलाशती हुई मादा को बाहर निकालने के लिए वह तुम्हारी जंजीरों से शिकायत करता है अन्यथा पूरा का पूरा वर्ष उसके लिए घास है उसकी सही जगह तुम्हारे पैरों के पास है
- बंग भस्म १० ग्राम + प्रवाल पिष्टी १० ग्राम + त्रिबंग भस्म १० ग्राम + जहरमोहरा खताई भस्म १० ग्राम +शीतलचीनी ( इसे कबाबचीनी भी कहते हैं) २० ग्राम + शुद्ध ढेला कपूर ५ ग्राम; इन सबको एकत्र पीस कर कांच की शीशी में कसकर ढक्कन लगाकर रख लें।
- यदि अनिद्रा के साथ रक्तचाप भी बढ़ा हो तो ऊपर लिखी दवा में थोड़ा बदलाव करेंगे , सर्पगन्धा चूर्ण ५ ० ग्राम + जहरमोहरा पिष्टी ६ ग्राम + प्रवाल पिष्टी ६ ग्राम + गिलोय सत्व ६ ग्राम , इन सबको लेकर कस कर खरल करा लें ।