ज़िहन का अर्थ
[ jeihen ]
ज़िहन उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- / दूसरे के मन की बात कौन जान सकता है"
पर्याय: मन, चित्त, चित, मानस, दिल, जी, अंतःकरण, अन्तःकरण, पेट, तबीयत, तबियत, अंतर, अन्तर, ज़हन, जहन, जेहन, ज़ेहन, जिहन, छाती, मनसा, असु, अंतस्, अन्तस् - सोचने समझने और निश्चय करने की वृत्ति या मानसिक शक्ति:"औरों की बुद्धि से राजा बनने की अपेक्षा अपनी बुद्धि से फ़कीर बनना ज़्यादा अच्छा है"
पर्याय: बुद्धि, अक्ल, प्रज्ञा, विवेक, धी, धी शक्ति, मति, मनीषा, मेधा, दिमाग़, दिमाग, मस्तिष्क, बूझ, अक़ल, अक़्ल, अकल, समझ, जिहन, जेहन, ज़ेहन, जहन, ज़हन, संज्ञा, मनीषिका, प्राज्ञता, प्राज्ञत्व, अभिबुद्धि, आत्मसमुद्भवा, आत्मोद्भवा, इड़ा, प्रतिभान - स्मरण रखने की शक्ति:"इस अधिकारी की स्मरण शक्ति बहुत कमज़ोर है"
पर्याय: स्मरण शक्ति, स्मरण-शक्ति, याददाश्त, स्मृति, जेहन, ज़ेहन, जहन, ज़हन, जिहन - वह विशिष्ट और असाधारण मानसिक शक्ति या गुण जिससे मनुष्य किसी काम में बहुत अधिक योग्यता के कार्य कर दिखलाता है:"स्वामी विवेकानंद में गज़ब की प्रतिभा थी"
पर्याय: प्रतिभा, मेधा, जेहन, ज़ेहन, जहन, ज़हन, जिहन, प्रगल्भता, प्रागल्भ्य, टैलंट, टैलन्ट
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- निशाँ जिस्म या ज़िहन के रहने दो
- तीसरी बार जब गया तो दो बातें ज़िहन में रह गईं।
- तीसरी बार जब गया तो दो बातें ज़िहन में रह गईं।
- चित्त , चित, मानस, दिल, जी, अंतःकरण, अन्तःकरण, पेट, तबीयत, तबियत, अंतर, अन्तर, ज़हन, जहन, जेहन, ज़ेहन, जिहन, ज़िहन
- उसे खुश रहने की दुआ मत दो बेवफाई की ऐसी सज़ा मत दो आँख सूजी है और सुर्ख भी है झूठे ही मुस्कुरा के विदा मत दो निशाँ जिस्म या ज़िहन के रहने दो जगह-जगह से इन्हें मिटा मत दो रोई है कदील रात भर जिसे सुन . ..
- क्यों कि जब तुम पहले पहल पैदा हुए थे , तो कुछ न जानते थे बाद में तुम्हें सिखाया गया और अभी कितनी ही ऐसी चीज़ें हैं कि जिन से तुम बे ख़बर हो कि उन में तुम्हारा ज़िहन परीशान होता है और नज़र भचकती है और फिर उनहें दान लेते हो लिहाज़ा उसी का दामन थामो जिस ने तुम्हें पैदा किया और रिज़्क दिया और ठीक ठाक बनाया।
- फिर भी महाज़े इख़तिलाफ़ को मज़बूत करने के लिये उस ने ज़रुरी समझा कि उन्हें यह ज़िहन नशीन कराए कि हज़रत असहाबे सलासा की फ़ज़ीलत से इंकारी और उन की दुशमनी और इनाद रखते हैं और सनद में आप की तहरीर को पेश करे और उस के ज़रीए से अहले इराक को और भी वर्गलाए , क्यों कि उन की अकसरीयत उन खोलफ़ा के माहौल से मुतअस्सिर और उन की फ़ज़ीलत व बर्तरी की काइल थी।