जितात्मा का अर्थ
[ jitaatemaa ]
जितात्मा उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषण- जिसने अपनी इंद्रियों को वश में कर लिया हो:"संयम से ही व्यक्ति जितेंद्रिय बन सकता है"
पर्याय: जितेंद्रिय, जितेन्द्रिय, इंद्रियजीत, इंद्रियजित, नियतेंद्रिय, जितेन्द्र, जितेंद्र, आत्मवश, श्रांत
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- १ ० . जितात्मा सर्वार्थे : संयुज्येत।
- १ ० . जितात्मा सर्वार्थे : संयुज्येत।
- जितात्मा सभी सम्पत्तियाँ प्राप्त करता है।
- अपने कर्त्तव्यों को जानने वाला राजा ही जितात्मा होता है।
- 49 वाँ श्लोक यों है , ' असक्तबुद्धि : सर्वत्र जितात्मा विगतस्पृह : ।
- “असक्तबुद्धिः सर्वत्र जितात्मा विगत स्पृहः . ...अर्थात जिसे किसी चीज का मोह नहीं, जिसकी कोई इच्छा नहीं... ” अन्याय का इससे अच्छा वर्णन और कहाँ मिलेगा?
- जो श्रीराम का अनुकरण करते हैं , वे आत्मारामी हो जाते हैं, आत्मतृप्त हो जाते हैं, धन्य-धन्य हो जाते हैं, मुक्तात्मा, जितात्मा हो जाते हैं।
- एक आश्रम में उन्होंने एक अत्यंत वयोवृद्ध धर्म के ज्ञाता , बड़े तपस्वी, परमात्मा में मन लगाए हुए निराहार, जितेंद्रीय, जितात्मा, जितक्रोध, सनातन धर्म के गूढ़ तत्वों को जानने वाले, समस्त शास्त्रों के ज्ञाता महात्मा लोमश मुनि को देखा, जिनका कल्प के व्यतीत होने पर एक रोम गिरता था।
- एक आश्रम में उन्होंने एक अत्यंत वयोवृद्ध धर्म के ज्ञाता , बड़े तपस्वी, परमात्मा में मन लगाए हुए निराहार, जितेंद्रीय, जितात्मा, जितक्रोध, सनातन धर्म के गूढ़ तत्वों को जानने वाले, समस्त शास्त्रों के ज्ञाता महात्मा लोमश मुनि को देखा, जिनका कल्प के व्यतीत होने पर एक रोम गिरता था।
- एक आश्रम में उन्होंने एक अत्यंत वयोवृद्ध धर्म के ज्ञाता , बड़े तपस्वी, परमात्मा में मन लगाए हुए निराहार, जितेंद्रीय, जितात्मा, जितक्रोध, सनातन धर्म के गूढ़ तत्वों को जानने वाले, समस्त शास्त्रों के ज्ञाता महात्मा लोमश मुनि को देखा, जिनका कल्प के व्यतीत होने पर एक रोम गिरता था ।