जिह्वामूल का अर्थ
[ jihevaamul ]
जिह्वामूल उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- जीभ की जड़ या पिछला भाग:"क,ख आदि का उच्चारण जिह्वामूल से होता है"
उदाहरण वाक्य
- संज्ञा पुं० वह वर्ण जिसका उच्चारण जिह्वामूल से हो ।
- मन्त्रविद्या के वैज्ञानिक जानते हैं कि मुँह से जो भी शब्द निकलते है उनका उच्चारण कण्ठ , तालू , मूर्धा , ओष्ठ , दन्त , जिह्वामूल आदि मुख के विभिन्न अंगों द्वारा होता है।
- मन्त्रविद्या के वैज्ञानिक जानते हैं कि मुँह से जो भी शब्द निकलते है उनका उच्चारण कण्ठ , तालू , मूर्धा , ओष्ठ , दन्त , जिह्वामूल आदि मुख के विभिन्न अंगों द्वारा होता है।
- मंत्र विद्या के वैज्ञानिक जानते हैं कि जीभ से जो भी शब्द निकलते हैं , उनका उच्चारण कण्ठ , तालु , मूर्धा , ओष्ठ , दन्त , जिह्वामूल आदि मुख के विभिन्न अंगों द्वारा होता है ।।
- मंत्र विद्या के वैज्ञानिक जानते हैं कि जीभ से जो भी शब्द निकलते हैं , उनका उच्चारण कण्ठ , तालु , मूर्धा , ओष्ठ , दन्त , जिह्वामूल आदि मुख के विभिन्न अंगों द्वारा होता है ।।