ज्ञानगम्य का अर्थ
[ jenyaanegamey ]
ज्ञानगम्य उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषणउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- किन्तु अद्वैत तत्त्व तो केवल ज्ञानगम्य ही है।
- आलौकिक पदार्थ के गोचरिकरण अर्थात ज्ञानगम्य होने से विस्मय उत्पन्न होता है।
- सब में बसा है , ज्ञेय है, वह ज्ञानगम्य महान् है || १३. १७ ||
- ज्ञान के प्रकार आलौकिक पदार्थ के गोचरिकरण अर्थात ज्ञानगम्य होने से विस्मय उत्पन्न होता है।
- निश्छल , कल्पित भेदों और विवादों से दूर रहनेवाला , ज्ञानगम्य , अनंत , स्वंत्रत , तथा स्वयंग प्रकाश प्रभू हूँ .
- निश्छल , कल्पित भेदों और विवादों से दूर रहनेवाला , ज्ञानगम्य , अनंत , स्वंत्रत , तथा स्वयंग प्रकाश प्रभू हूँ .
- ब्रह्मा , विष्णु आदि देवता तो धर्म, अर्थ, काम यानी त्रिवर्ग के ही दाता हैं, लेकिन मोक्ष के प्रदाता तो एक मात्र ज्ञान स्वरूप, अविनाशी, साक्षी, ज्ञानगम्य तथा स्वयं अद्वैत महादेव ही हैं।
- भीष्म ने पुलस्त्य से कहा कि आप सबसे पहले यह बताने की कृपा करें कि ब्रह्मा के मन में संसार रचने की भावना कैसे उत्पन्न हुई ? यह सुनकर ऋषि भीष्म से बोले कि मनुष्य की सभी भाव शक्तियां ज्ञानगम्य और अचिन्त्य है।
- विश्व सृष्टि के रुप में व्यापक राम को ‘ विष्णु ' , जीव के दस दरवाजों को खोल देनेवाले राम को ‘ करीम ' , ज्ञानगम्य राम को ‘ गोरख ' , अलख निरंजन राम को ‘ अल्लाह ' तीनों भुवन के एकमात्र योगी राम को ‘ नाथ ' कहते हुए उन्होंने यह प्रतिपादन करना चाहा कि ‘ राम ' सनातन तत्व है और वही सर्वरूपों में विद्यमान है ।
- विश्व सृष्टि के रुप में व्यापक राम को ‘ विष्णु ' , जीव के दस दरवाजों को खोल देनेवाले राम को ‘ करीम ' , ज्ञानगम्य राम को ‘ गोरख ' , अलख निरंजन राम को ‘ अल्लाह ' तीनों भुवन के एकमात्र योगी राम को ‘ नाथ ' कहते हुए उन्होंने यह प्रतिपादन करना चाहा कि ‘ राम ' सनातन तत्व है और वही सर्वरूपों में विद्यमान है ।