तत्वजिज्ञासु का अर्थ
[ tetvejijenyaasu ]
तत्वजिज्ञासु उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- बौद्ध साहित्य में इस प्रकार की रचनाएँ उपलब्ध हैं जिनके द्वारा बौद्ध आचार्यों ने अपने किसी मान्य शिष्य को अथवा तत्वजिज्ञासु को बौद्ध धर्म के सिद्धांतों का उपदेश दिया।
- बौद्ध साहित्य में इस प्रकार की रचनाएँ उपलब्ध हैं जिनके द्वारा बौद्ध आचार्यों ने अपने किसी मान्य शिष्य को अथवा तत्वजिज्ञासु को बौद्ध धर्म के सिद्धांतों का उपदेश दिया।
- राहुल सांकृत्यायन इन्हें ‘ तत्वजिज्ञासु ' कहते हैं . उनके अनुसार इन दार्शनिकों की ‘ जिज्ञासा का मुख्य लक्ष्य था उस मूलतत्व का पता लगाना , जिससे विश्व की सारी चीजें बनी हैं ' .
- गीता मे भगवान इसी तथ्य को सुस्पष्ट करते हुए कसते हैं कि 4 प्रकार के लोग मेएरा भजन करते हैं आर्त ( दःख नाश की कामना वाले ) तत्वजिज्ञासु अर्थार्थी ( ऐश्वर्य की कामना वाले ) और ज्ञानी - चतुर्विधा भजन्ते मां जना सुकृतिनोऽर्जुन ।