तीक्ष्णा का अर्थ
[ tikesnaa ]
परिभाषा
संज्ञा- पानी में पाया जाने वाला एक थोड़ा लम्बा कीड़ा जो जीवों के शरीर में लगकर उनका खून चूसता है:"भैंस जैसे ही तालाब में घुसी उसके शरीर में कई जोंकें चिपक गईं"
पर्याय: जोंक, जलौका, पटालुका, सलिलौका, वेणिवेधनी, वेधिनी, शंकुमुखी, जलसर्पिणी, जलसूचि, जलाका, जलाटनी, जलात्मिका, जलोका, जलोकिका, रक्तपा, रक्तपाता, जलोरगी, अस्रपा, रक्तसंदेशिका, रक्तसन्देशिका, पंकेशया, भ्रमणी - / कौंच की फलियों की तरकारी बनती है"
पर्याय: कौंच, केवाँच, केंवाँच, केवांच, केंवाच, किवाँच, किवाँछ, कौंछ, करैंच, शूकवती, अजमोला, शुकनास, कपिच्छु, शूकशिंबा, शूकशिम्बा, शूकशिंबिका, शूकशिम्बिका, शूकशिंबी, शूकशिम्बी, शूका, शुकशिंबा, शुकशिम्बा, वानरी, स्वयंगुप्ता, वृषा, वृष्या, लांगूला, लांगूली, लांगुली, कुंडली, कुण्डली, अव्यंगा, अव्यङ्गा, अव्यंडा, अव्यण्डा, वनशूकरी, आत्मगुप्ता, कपिकच्छु, वराहिका, ताम्रमूला - सेम की तरह की एक फली:"कौंच को छूने से खुजली होती है"
पर्याय: कौंच, केवाँच, केंवाँच, केवांच, केंवाच, किवाँच, किवाँछ, कौंछ, करैंच, शूकवती, शुकनास, कपिच्छु, शुकशिंबा, शूकशिंबा, शूकशिम्बा, शूकशिंबिका, शूकशिम्बिका, शूकशिंबी, शूकशिम्बी, शूका, शुकशिम्बा, वानरी, स्वयंगुप्ता, वृषा, वृष्या, लांगूला, लांगूली, लांगुली, कुंडली, कुण्डली, अव्यंगा, अव्यङ्गा, अव्यंडा, अव्यण्डा, वनशूकरी, आत्मगुप्ता, वराहिका, कपिकच्छु