तैलाभ्यंग का अर्थ
[ tailaabheynega ]
तैलाभ्यंग उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- तेल की मालिश:"वह अपने छोटे बच्चे को प्रतिदिन तैलाभ्यंग करती है"
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- ग्रहण काल में सोना , मूत्र-पुरीषोत्सर्ग और तैलाभ्यंग भी निषिद्ध है।
- इस दिन भी प्रात : काल तैलाभ्यंग के साथ स्नान के उपरांत पूजा और तदनंतर आनंदोत्सव की परंपरा थी।
- शनि की ग्रहजन्य पीड़ा से निवृत्ति हेतु शनिवार को स्वंय तैलाभ्यंग कर ब्राह्मणों को भी अभ्यंग हेतु तैल-दान करना चाहिये ।
- चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन तैलाभ्यंग अर्थात् तेल की मालिश करके स्नान करने से दुख-दरिद्रता का निवारण और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
- निर्णयसिन्धु में ब्रह्मíष वसिष्ठ का इस संदर्भ में जो वचन उद्धृत है , उससे यह पता चलता है कि इस दिन तैलाभ्यंग से नरक का भय भी दूर होता है।
- यद्यपि कार्तिक मास में तेल नहीं लगाना चाहिए , फिर भी नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर तेल-मालिश ( तैलाभ्यंग ) करके स्नान करने का विधान है।
- इस चतुर्दशी को जिस प्रकार तिल का भोजन और तैलाभ्यंग ( तेल मालिश ) विहित है उसी प्रकार दन्तधावन , उबटन , गर्म जल से स्नान और श्ृंगार भी।