दधिमुख का अर्थ
[ dedhimukh ]
दधिमुख उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- पर्वतों पर , दधिमुख पर्वतों पर, व्यन्तर,
- पर्वतों पर , दधिमुख पर्वतों पर, व्यन्तर,
- सुग्रीव का मामा दधिमुख हजारों वानरों के साथ इसका प्रधान रखवाला था।
- मार्ग में वे मधुवन नामक वाटिका में पहुँचे जिसकी रक्षा का भार सुग्रीव के मामा दधिमुख पर था।
- मार्ग में वे मधुवन नामक वाटिका में पहुँचे जिसकी रक्षा का भार सुग्रीव के मामा दधिमुख पर था।
- तत्पश्चात अंगद आदि के साथ सुग्रीव के मधुवन में आकर , दधिमुख आदि रक्षकों को परास्त करके, मधुपान करने के अनन्तर वे सब लोग श्रीरामचन्द्र जी के पास आये और बोले- 'सीताजी का दर्शन हो गया।'
- तत्पश्चात अंगद आदि के साथ सुग्रीव के मधुवन में आकर , दधिमुख आदि रक्षकों को परास्त करके, मधुपान करने के अनन्तर वे सब लोग श्रीरामचन्द्र जी के पास आये और बोले- 'सीताजी का दर्शन हो गया।'
- ' तत्पश्चात अंगद आदि के साथ सुग्रीव के मधुवन में आकर , दधिमुख आदि रक्षकों को परास्त करके , मधुपान करने के अनन्तर वे सब लोग श्रीरामचन्द्र जी के पास आये और बोले- ' सीताजी का दर्शन हो गया।
- ' तत्पश्चात अंगद आदि के साथ सुग्रीव के मधुवन में आकर , दधिमुख आदि रक्षकों को परास्त करके , मधुपान करने के अनन्तर वे सब लोग श्रीरामचन्द्र जी के पास आये और बोले- ' सीताजी का दर्शन हो गया।
- हनुमान , अंगद, नील, नल, केसरी कुमुद, गन्धमादन, सुषेण, पनस, वीरमैन्द, द्विविद, जाम्बवन्त, गवाक्ष, विनत, धूम्र, बलीमुख, प्रजंघ, सन्नाद, दरीमुख, दधिमुख, इन्द्रजानु तथा अन्य वानर यूथपतियों को नाना प्रकार के वस्त्राभूषण-रत्नादि देकर सम्मानित किया और उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा करके उन्हें विदा किया।