दीवान-ए-ख़ास का अर्थ
[ divaan-e-khas ]
दीवान-ए-ख़ास उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- ऐसी सभा जिसमें राजा या बादशाह मंत्रियों तथा चुने हुए प्रधान लोगों के साथ बैठते हैं:"बादशाह ने दीवाने खास में अपनी समस्या रखी"
पर्याय: दीवाने खास, दीवाने ख़ास, दीवान खास, दीवान-ए-खास, दीवान ख़ास, खास दरबार, ख़ास दरबार - वह जगह जहाँ राजा या बादशाह मंत्रियों तथा चुने हुए प्रधान लोगों के साथ बैठक करते हैं:"मंत्रिगण दीवाने खास में बादशाह की प्रतीक्षा कर रहे हैं"
पर्याय: दीवाने खास, दीवाने ख़ास, दीवान खास, दीवान-ए-खास, दीवान ख़ास, खास दरबार, ख़ास दरबार
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- क़िले का दीवान-ए-ख़ास निजी मेहमानों के लिए था।
- पहला तो दीवान-ए-ख़ास से लिया गया है .
- पहला तो दीवान-ए-ख़ास से लिया गया है .
- दीवान-ए-ख़ास आगरा के किले में स्थित एक सभागार है।
- सिपाहियों को लेकर सीधे दीवान-ए-ख़ास में पहुँचा।
- दीवान-ए-ख़ास - फतेहपुर सीकरी में निजी मुलाक़ातियों का हॉल
- दीवान-ए-ख़ास आगरा के किले में स्थित एक सभागार है।
- इसके आगे का भाग हैं दीवान-ए-ख़ास .
- दीवान-ए-आम , नहर-ए-बहिश्त, ख़ास महल, दीवान-ए-ख़ास, मोती मस्जिद, हयात बख़्श बाग़
- इसी से गुजरकर दीवान-ए-ख़ास तक पहुँचते हैं ये रहा दीवान-ये-ख़ास