धूप-छाँह का अर्थ
[ dhup-chhaanh ]
धूप-छाँह उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- बारी-बारी से आने वाला अच्छा और बुरा समय:"मैंने उन्हें कभी भी जिदंगी की धूप-छाँव में विचलित होते नहीं देखा"
पर्याय: धूप-छाँव, धूप छाँव, धूप छाँह़, उतार-चढ़ाव, उतार चढ़ाव - एक प्रकार का रंगीन कपड़ा जिसमें एक ही स्थान पर कभी एक रंग और कभी दूसरा रंग दिखाई देता है:"धूपछाँह का ताना एक रंग का और बाना दूसरे रंग का होता है"
पर्याय: धूपछाँह, धूप छाँह - धूप और छाँव:"वे धूप-छाँव में नौकाविहार का आनंद ले रहै हैं"
पर्याय: धूप-छाँव, धूप छाँव, धूप छाँह़
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- देखो , धूप-छाँह की तरह है कि नहीं।
- देखो , धूप-छाँह की तरह है कि नहीं।
- विरह मिलन की धूप-छाँह में पलती शकुन्तला है।
- क्या धूप-छाँह के कारण भ्रम होता है ?
- धूप-छाँह के बीच कहीं प्यास के बुझने
- आदि-अंत में धूप-छाँह में , केवल किया तुम्हें ही वर्णित
- देखो , धूप-छाँह की तरह है कि नहीं।''
- देखो , धूप-छाँह की तरह है कि नहीं।''
- मैं देख रहा हूँ धूप-छाँह का खे ल . ..
- वह भूख-तृष्णा , धूप-छाँह , सुख-दुःख सभी से रहित है।