नज़र-ए-करम का अर्थ
[ nejer-e-kerm ]
नज़र-ए-करम उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- दया या अनुग्रह की दृष्टि:"भगवन की दया-दृष्टि से हम सपरिवार कुशल हैं"
पर्याय: दया-दृष्टि, कृपा-दृष्टि, नजरे इनायत, नज़रे करम, नजर-ए-इनायत, दयादृष्टि, कृपादृष्टि, अनुदृष्टि
उदाहरण वाक्य
- अच्छी आमदनी के लिए बाज़ार के नज़र-ए-करम की दरकार थी।
- धन्यवाद रानी जी आपका भी ! और मिथिलेश भाई आप ये देख ही ले अब तो.... धन्यवाद इधर नज़र-ए-करम के लिए...
- जिस्म से रूह तक दिल आज भी तुझ पे फ़िदा है कुछ तो अब भी तुझ से जुड़ा है , के दिल आज भी तुझ पे फ़िदा है| उसकी नज़र-ए-करम असां नहीं, वो ऐसे ही नहीं मेरा खुदा है| के दिल आज भी तुझ पे फ़िदा है… बस एक हाथ की दूरी और हम, वो मिलकर भी नहीं मिला है| के दिल आज भी तुझ पे फ़िदा [...] कविताएँ हिन्दी कविता ग़ज़ल
- १७ . अपनी मंज़िल से कहीं दूर नज़र आता है जब मुसाफ़िर कोई मजबूर नज़र आता है घुट के मर जाऊँ मगर तुझ पे न इल्ज़ाम धरूँ मेरी क़िस्मत को ये मंज़ूर नज़र आता है आज तक मैंने उसे दिल में छुपाए रक्खा ग़म-ए-दुनिया मेरा मश्कूर नज़र आता है है करिश्मा ये तेरी नज़र-ए-करम का शायद ज़र्रे-ज़र्रे में मुझे नूर नज़र आता है उसकी मौहूम निगाहों में उतर कर देखो उनमें इक ज़लज़ला मस्तूर नज़र आता है खेल ही खेल में खाया था जो इक दिन मैंने ज़ख़्म ‘साग़र'! वही नासूर नज़र आता है .