नदीसर्ज का अर्थ
[ nediserj ]
नदीसर्ज उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक बड़ा औषधीय पेड़ जो लगभग साठ से अस्सी फुट ऊँचा होता है:"अर्जुन की लकड़ी बहुत उपयोगी होती है एवं छाल औषध के रूप में प्रयोग की जाती है"
पर्याय: अर्जुन, अर्जुनवृक्ष, ककुभ, इंद्रतरु, इन्द्रतरु, इंद्रद्रुम, इन्द्रद्रुम, धनंजय, धनञ्जय, विरातक, घवल, धंवी, धन्वी, पुष्पफल, शक्र, अर्जुननामाख्य, वैरांतक, वैरातङ्क
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- इसे घवल , ककुभ तथा नदीसर्ज (नदी नालों के किनारे होने के कारण) भी कहते हैं ।
- इसे धवल , ककुभ और नदीसर्ज भी कहते हैं , कहुआ तथा सादड़ी नाम से भी जाना जाता है।
- इसे घवल , ककुभ तथा नदीसर्ज ( नदी नालों के किनारे होने के कारण ) भी कहते हैं ।
- लगभग 60 से 80 फुट ऊंचाई वाले इस पेड़ को नदीसर्ज इसलिए कहते हैं क्योंकि यह प्रायरू नदी-नालों के किनारे होता है।
- अर्जुन- इसे लोग धवल , ककुभ तथा नदीसर्ज ( नदी-नालों के तट पर होने के वजह ) भी कहा जाता है | साधारण बोलचाल की भाषा में इसे कहुआ
- आम बोलचाल की भाषा में कहुआ और सादड़ो के नाम से जाने जाने वाले अर्जुन को धवल , ककुभ और नदीसर्ज आदि नामों से भी पुकारा जाता है।