नाद-बिन्दु का अर्थ
[ naad-binedu ]
नाद-बिन्दु उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक उपनिषद् :"नाद-बिन्दु उपनिषद् ऋग्वेद से संबंधित है"
पर्याय: नाद-बिन्दु उपनिषद्, नाद-बिन्दु उपनिषद, नाद-बिंदु उपनिषद्, नाद-बिंदु उपनिषद, नाद-बिंदु, नादबिन्दु, नादबिंदु
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- नाद-बिन्दु या ब्रह्म-नाद उससे ही पैदा होता है .
- नाद-बिन्दु = ऋग् वेद , योग उपिनषद्
- नाद-बिन्दु = ऋग् वेद , योग उपिनषद्
- जब कोई उत्कट जिज्ञासा और लगन के साथ प्रयत्नशील रहता है , तब जाकर सूक्ष्म और स्थूल के मध्य दोनों को आपस में सम्बन्ध स्थापित करने-कराने वाले अक्षय-बिन्दु रूप नाद-बिन्दु और इलेक्ट्रान रूप ध्वनि और प्रकाश की जानकारी हो पाती है।
- अन्तरात्मा अधिष्ठित है , उसके ऊपर नाद-बिन्दु के मध्य में एक उज्ज्वल सिंहासन विद्यमान है, उसी सिंहासन पर अपने इष्ट देव विराज रहे हैं, वे वीरासन में बैठे है, उनका शरीर चाँदी के पर्वत के सदृश श्वेत है, वे नाना प्रकार के आभूषणों से विभू
- त्मा अधिष्ठित है , उसके ऊपर नाद-बिन्दु के मध्य में एक उज्ज्वल सिंहासन विद्यमान है, उसी सिंहासन पर अपने इष्ट देव विराज रहे हैं, वे वीरासन में बैठे है, उनका शरीर चाँदी के पर्वत के सदृश श्वेत है, वे नाना प्रकार के आभूषणों से विभूषित हैं और शुभ्र माला, पुष्प और वस्त्र धारण कर रहे हैं, उनके हाथों में वर और अभय मुद्रा हैं, उनके वाम अंग में शक्ति विराजमान है।