नामकर्म का अर्थ
[ naamekrem ]
नामकर्म उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- पहचान के लिए किसी का नाम निश्चित करने की क्रिया:"व्यक्ति या वस्तु का नामकरण उसकी पहचान के लिए बहुत ज़रूरी है"
पर्याय: नामकरण - हिंदुओं के सोलह संस्कारों में से एक जिसमें नवजात शिशु का नाम रखा या स्थिर किया जाता है:"मेरी भतीजी का नामकरण चौदह नवम्बर को है"
पर्याय: नामकरण, नामकरण संस्कार
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- नामकर्म के प्रथम भेद का नाम गति है।
- यही इस नामकर्म के पांच भेद हैं।
- जैन कर्म सिद्धान्त : नामकर्म के विशेष सन्दर्भ में
- जैन कर्म सिद्धान्त : नामकर्म के विशेष सन्दर्भ में
- इस प्रकार ये नामकर्म की 42 पिण्ड प्रकृतियाँ हैं।
- इस नामकर्म की बयालीस प्रकृतियाँ तथा तैरानवे उत्तर प्रकृतियाँ हैं।
- जिनके तीर्थकर नामकर्म का उदय होता है वे तीर्थकर बनते है।
- वहाँ वर्गणाओं का ग्रहण नामकर्म के उदय से स्वयमेव होता रहता है।
- इनमें अन्तिम तीर्थंकर नामकर्म का आस्त्रव दर्शनविशुद्धि आदि सोलहकारण भावनाओं का विधान है।
- जिसके उदय से आत्मा भवान्तर को गमन करता है वह गति नामकर्म है।