नामज़दगी का अर्थ
[ naamejedegai ]
नामज़दगी उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- चुनाव आदि में खड़े होने के लिए किसी का नाम लिखे जाने की क्रिया:"रायपुर क्षेत्र से विद्याचरण ने कांग्रेस की ओर से नामांकन किया"
पर्याय: नामांकन, नामजदगी, नामाङ्कन - नाम-सूची में नाम लिखे जाने की क्रिया:"एक परिचारिका अस्पताल में रोगियों का नामांकन कर रही थी"
पर्याय: नामांकन, पंजीकरण, पंजीयन, नामाङ्कन, नामजदगी, पञ्जीकरण, पञ्जीयन, एडमिशन
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- कुछ हेराफेरी से पिछली बार नामज़दगी जीत गया था , वैसे योग्य नहीं है।
- लाहौर से चुनाव लड़ने वाले कुछ अन्य उम्मीदवारों ने उनकी नामज़दगी पर एतराज़ किया था .
- पहली सार्वजनिक अध्ययन बैठक और शास्त्रीय संस्थापकों की नामज़दगी सन् 2008 की 27 नवम्बर को हुई।
- लाहौर से चुनाव लड़ने वाले कुछ अन्य उम्मीदवारों ने उनकी नामज़दगी पर एतराज़ किया था , उनका कहना था कि आपराधिक मामलों में नवाज़ शरीफ़ को दोषी पाया गया है इसलिए वे चुनाव लड़ने के योग्य नहीं हैं.
- वे और उनके शिष् य तो सांप्रदायिक तत् वों के खिलाफ बोलने गये थे , गले पड़ गई दंगों को भड़काने में नामज़दगी लिहाजा पुलिस और सीबीआई के हाथ फिर से गर्दन तक पहुंचने को बेताब हैं।
- बेनज़ीर ने कहा , “हमें विरोध के तौर पर ही चुनाव में हिस्सा लेना चाहिए, मुझे नवाज़ शरीफ़ और काज़ी हुसैन अहमद से चुनाव के बहिष्कार का स्पष्ट संकेत नहीं मिला है क्योंकि उन्होंने नामज़दगी के पर्चे भरे हैं.”
- राजनीति के जानकारों का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ को सेनाध्यक्ष रहते हुए राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी है , ऐसे में नए सेनाध्यक्ष की नामज़दगी से यही लगता है कि मुशर्रफ़ और बेनज़ीर के बीच समझौता हो चुका है.
- इसका एक नजारा उन्हें भी 29 मार्च 2013 को सिंध हाईकोर्ट के बाहर देखने को मिल गया जब एक वकील ने उनके ऊपर जूता फंका जो उनकी नाक पर लगा , इस वाकिया से वे अपनी लोकप्रियता को स्वयं भी जान गये हैं इसलिए उन्होंने चार जगह से अपनी नामज़दगी के पर्चे भरे हैं।
- ( (( पैग़म्बरे इस्लाम ( स 0 ) के इन्तेक़ाल के बाद जनाज़ाए रसूल ( स 0 ) को छोड़कर मुसलमानों की खि़लाफ़त साज़ी , खि़लाफ़त के बाद अमीरूल मोमेनीन ( अ 0 ) से मुतालेब-ए-बैयत , अबू सुफ़यान की तरफ़ से हिमायत की पेषकष , फ़िदक का ग़ासेबाना क़ब्ज़ा , दरवाज़े का जलाया जाना , फिर अबूबक्र की तरफ़ से उमर की नामज़दगी , फिर उमर की तरफ़ से “ ाूरा के ज़रिये उस्मान की खि़लाफ़त , फिर तलहा व ज़ुबैर और आइषा की बग़ावत और फिर ख़वारिज का दीन से ख़ुरूज।