नास्तिकतावाद का अर्थ
[ naasetiketaavaad ]
नास्तिकतावाद उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- वह अवस्था या सिद्धांत जिसमें मनुष्य ईश्वर,मत-मतान्तर,लोक-परलोक आदि का अस्तित्व नहीं मानता:"नास्तिकतावाद में ईश्वर और अलौकिक धारणाओं का कोई स्थान नहीं है"
पर्याय: अनीश्वरवाद, निरीश्वरवाद
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- मेरा नास्तिकतावाद कोई अभी हाल की उत्पत्ति नहीं है।
- मेरा नास्तिकतावाद कोई अभी हाल की उत्पत्ति नहीं है ।
- मेरा नास्तिकतावाद कोई अभी हाल की उत्पत्ति नहीं है ।
- मेरा नास्तिकतावाद कोई अभी हाल की उत् पत्ति नहीं है।
- इस चीज ने भी मुझे नास्तिकतावाद के प्रति उदासीन बना दिया ।
- भारतीय वाङमय में वह नास्तिकतावाद के एक प्रमुख आचार्य के रूप में गिना जाता है।
- दर्शन के अभाव में तो धर्म केवल अंधविश्वास मात्र बनकर रह जाता है और धर्म का बहिष्कार करने पर दर्शन केवल शुष्क नास्तिकतावाद बना रहता है।
- देकार्त का संदेहवाद , ह्यूम और बेक का नास्तिकतावाद , डार्विन का विकासवाद , स्पेंसर का अज्ञेयवाद , शैली की कविताएँ , हीगल का दर्शन , फ्रांसीसी क्रांति , संस्कृत काव्य शास्त्र , वेद-पुराण-उपनिषद , राजा राम मोहन राय और ब्रम्ह समाज का साहित्य नरेंद्र को बहुत प्रिय थे।