न्याय-दर्शन का अर्थ
[ neyaay-dershen ]
न्याय-दर्शन उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- छह दर्शनों में से एक दर्शन या शास्त्र जिसमें किसी वस्तु के यथार्थ ज्ञान के लिए मतों या विचारों का उचित विवेचन होता है:"पंडित रमाशंकरजी न्याय के बहुत बड़े ज्ञाता हैं"
पर्याय: न्याय, न्यायदर्शन, न्यायशास्त्र, न्याय दर्शन, न्याय शास्त्र, न्याय-शास्त्र, आन्वीक्षिकी, तर्कविद्या
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- न्याय-दर्शन में इसे काकतालीय दोष कहते हैं।
- कहा जा सकता है कि न्याय-दर्शन
- इस विषय में मीमांसा- दर्शन तथा न्याय-दर्शन के मत भिन्न-भिन्न हैं।
- मेरे विचार से इस न्याय-दर्शन का लोगो को ज्ञान होना अति आवश्यक है।
- न्याय-दर्शन की तरह वैशेषिक भी प्रश्नोत्तर के रूप में ही लिखा गया है।
- न्याय-दर्शन की तरह वैशेषिक भी प्रश्नोत्तर के रूप में ही लिखा गया है।
- मेरे विचार से इस न्याय-दर्शन का लोगो को ज्ञान होना अति आवश्यक है।
- वेदान्त , न्याय-दर्शन आदि में आत्मा को चेतना का पर्याय कहा गया है .
- वेदान्त , न्याय-दर्शन आदि में आत्मा को चेतना का पर्याय कहा गया है .
- संस्कृत के साहित्य , न्याय-दर्शन , नीतिशास्त्र , काव्यशास्त्र , नाट्यशास्त्र आदि तमाम क्षेत्रों का आज भी सारी दुनिया में अध्ययन-अध्यापन होता है।