पंचगौड़ का अर्थ
[ penchegaaud ]
पंचगौड़ उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- सारस्वत, कान्यकुब्ज, गौड़, मैथिल और उत्कल - इन पांच प्रकार के ब्राह्मणों का वर्ग:"स्कंदपुराण में पंचगौड़ का जिक्र आया है"
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- कान्यकुब्ज , गौड़, उत्कल, मैथिल और सारस्वत यह पंचगौड़ कहाते
- राज्यसमय में कितने ही अहंकारोन्मत्ता दक्षिणी पण्डित पंचगौड़ ब्राह्मणों को
- यह तो पंचगौड़ और पंचद्रविड विभाग से अलग मगध क्षेत्र है।
- का प्रतिवाद करने की सामर्थ्य उस समय पंचगौड़ जाति में विद्यमान न थी।
- ब्राह्मण ख़ास पंचगौड़ यानो सारस्वत , कान्यकुब्ज , गौड़ , उत्कल , मैथिल ) ।
- उनके इस अनुचित नामकरण का प्रतिवाद करने की सामर्थ्य उस समय पंचगौड़ जाति में विद्यमान न थी।
- भारत के ब्राम्हणों में एक वर्ग द्राविड़ कहलाता है ( देखें- ब्राह्मणों का वर्गीकरण 'पंचगौड़' एवं 'पंचद्राविड़', पृष्ठ ४३)।
- स्कंदपुराण के एक श्लोक के अनुसार पूरे भारत में पंचद्रविड़ की तरह ही पंचगौड़ हैं अर्थात पाँच गौड़नामधारी क्षेत्र हैं ।
- स्कंदपुराण के एक श्लोक के अनुसार पूरे भारत में पंचद्रविड़ की तरह ही पंचगौड़ हैं अर्थात पाँच गौड़नामधारी क्षेत्र हैं ।
- कुरुक्षेत्र को अपना केन्द्र मानने वाले प्रान्त के ब्राह्मण ` गौड़ ' और उनके नाम से समस्त उत्तर-भारत के ब्राह्मण ` पंचगौड़ ' कहलाए।