पखावजी का अर्थ
[ pekhaaveji ]
पखावजी उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- फूल जी भट्ट , बद्री पखावजी ,
- पखावजी के साथ लड़ंत होती थी।
- पखावजी के साथ लड़ंत होती थी।
- पखावजी के साथ लड़ंत होती थी।
- धमार के अनुरुप पखावजी से लय- बाँट की लड़ंत शुरु हुई।
- धमार के अनुरुप पखावजी से लय- बाँट की लड़ंत शुरु हुई।
- पखावजी ने भी ध्रुवपद- धमार में प्रयुक्त तालों में भी अभ्यास किया , साथ ही संगत के लिए विभिन्न तालों और लयों की परनों को रचा।
- पखावजी ने भी ध्रुवपद- धमार में प्रयुक्त तालों में भी अभ्यास किया , साथ ही संगत के लिए विभिन्न तालों और लयों की परनों को रचा।
- भले ही खाँ साहब ने शुद्ध बिलावल सही नहीं गाया हो , भले ही पखावजी का बांया अंगूठा नकली हो,भले ही तबले पर थाप हल्की पड़ी हो....
- सप्त सुरन तीन ग्राम गाओ भले ही खाँ साहब ने शुद्ध बिलावल सही नहीं गाया हो , भले ही पखावजी का बांया अंगूठा नकली हो,भले ही तबले पर थाप हल्की पड़ी हो....