पढ़िना का अर्थ
[ pedheinaa ]
पढ़िना उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
- रोहू , मंगुर, गोंइजा, बाम, पढ़िना, टेंगरी, गिरई, चनगा, टेंगना, भुट्टी, चल्हवा, सिधरी, कवई आदि जैसी अनेक मछलियों की भी भरमार थी।
- रोहू , मंगुर , गोंइजा , बाम , पढ़िना , टेंगरी , गिरई , चनगा , टेंगना , भुट्टी , चल्हवा , सिधरी , कवई आदि जैसी अनेक मछलियों की भी भरमार थी।
- रोहू , मंगुर , गोंइजा , बाम , पढ़िना , टेंगरी , गिरई , चनगा , टेंगना , भुट्टी , चल्हवा , सिधरी , कवई आदि जैसी अनेक मछलियों की भी भरमार थी।
- आगे सोलह प्रजातियों- डंडवा , घंसरा , अइछा , सोंढ़िहा , लूदू , बंजू , भाकुर , पढ़िना , जटा चिंगरा , भेंड़ो , बामी , कारी झिंया , खोकसी , झोरी , सलांगी और केकरा- का मोल तत्कालीन समाज की अलग-अलग जातिगत स्वभाव की मान्यताओं के अनुरूप उपमा देते हुए , समाज के सोलह रूप-श्रृंगार की तरह , बताया गया है।
- आगे सोलह प्रजातियों- डंडवा , घंसरा , अइछा , सोंढ़िहा , लूदू , बंजू , भाकुर , पढ़िना , जटा चिंगरा , भेंड़ो , बामी , कारी झिंया , खोकसी , झोरी , सलांगी और केकरा- का मोल तत्कालीन समाज की अलग-अलग जातिगत स्वभाव की मान्यताओं के अनुरूप उपमा देते हुए , समाज के सोलह रूप-श्रृंगार की तरह , बताया गया है।