पनहारन का अर्थ
[ penhaaren ]
पनहारन उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
- ऐसा देस है मेराबोले पपीहा कोयल गाये , सावन घिर घिर आयेऐसा देस है मेरा.......गेंहू के खेतों में कंघी जो करे हवाएंरंग बिरंगी कितनी चुनरियाँ उड़ उड़ जाएंपनघट पर पनहारन जब गगरी भरने आयेमधुर मधुर
- ऐसा देस है मेराबोले पपीहा कोयल गाये , सावन घिर घिर आयेऐसा देस है मेरा.......गेंहू के खेतों में कंघी जो करे हवाएंरंग बिरंगी कितनी चुनरियाँ उड़ उड़ जाएंपनघट पर पनहारन जब गगरी भरने आयेमधुर मधुर...
- सुनहरी अंबर नीला , हर मौसम रंगीला ऐसा देस है मेरा बोले पपीहा कोयल गाये, सावन घिर घिर आये ऐसा देस है मेरा, गेंहू के खेतों में कंघी जो करे हवाएं रंग-बिरंगी कितनी चुनरियाँ उड़-उड़ जाएं पनघट पर पनहारन जब गगरी भरने आये मधुर-मधुर तानों में कहीं बंसी कोई बजाए, लो सुन लो क़दम-क़दम पे है मिल जानी कोई प्रेम कहानी ऐसा देस है मेरा...
- क्यूँ न चहकते विहंग हैं क्यूँ न सुनाई देती , बैलों की घंटियाँ क्यूँ न किसानो में वो उमंग है क्यूँ आशाएं खो रही रवि के प्रकाश में शरद-शोभा क्यूँ नहीं छाती अब आकाश में सौहार्द की सुवासित, सुरभि जाने कहाँ खो गई क्यूँ न खिलते पुष्प अब कोमल कास में क्यूँ न फुदकते खरगोस अब क्यूँ न दीखते पिक या शिखी क्यूँ सुना पड़ा है गावं का कूप एक अरसे से कोई पनहारन भी न दिखी क्यूँ सजते उज्ज्वल स्वप्न अब क्यूँ मिट गई नव-ह्रदय से हर्ष तरंग होता है सबेरा आज भी पर, क्यूँ न चहकते विहंग हैं.....