परलोकीय का अर्थ
[ perlokiy ]
परलोकीय उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषणउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- बल्कि परलोकीय जीवन इंसान के संसारिक कार्यों का ही रूप है।
- ( बिहारूल अनवार32/46) बल्कि परलोकीय जीवन इंसान के संसारिक कार्यों का ही रूप है।
- अतः इंसान के अच्छे व बुरे कार्य उसके संसारिक व परलोकीय जीवन पर प्रभाव डालते हैं।
- या ( यह कहा जा सकता है कि परलोकीय जीवन में इंसान के कार्य वास्तविकता का रूप धारण कर लेंगे।)
- या ( यह कहा जा सकता है कि परलोकीय जीवन में इंसान के कार्य वास्तविकता का रूप धारण कर लेंगे।
- हज़रत इमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम ने कहा कि जो व्यक्ति अल्लाह पर विश्वास करेगा अल्लाह उसके संसारिक व परलोकीय कार्य को हल करेगा।
- “मआद”जिसका सभी धर्म वर्णन करते हैं , वह इस बात को उजागर करती है कि इंसान का परलोकीय जीवन इस संसार के कार्यों पर आधारित है।
- ( अवालियुल लआली 1/267) “मआद”जिसका सभी धर्म वर्णन करते हैं, वह इस बात को उजागर करती है कि इंसान का परलोकीय जीवन इस संसार के कार्यों पर आधारित है।
- “ मआद ” जिसका सभी धर्म वर्णन करते हैं , वह इस बात को उजागर करती है कि इंसान का परलोकीय जीवन इस संसार के कार्यों पर आधारित है।
- इंसान इस संसार में अल्लाह द्वारा प्रदान किये गये अक़्ल व “वही” के पैमाने पर परख कर पवित्रता या अपवित्रता के आधार पर दिल से जिस मार्ग को चुनता है , वह मार्ग इस बात को निश्चित करता है कि उसका परलोकीय जीवन किस प्रकार का होगा।