परावाक् का अर्थ
[ peraavaak ]
परावाक् उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- वाणी की चार अवस्थाओं में से पहली अवस्था जोकि विचार से परे है:"परा वाक् की सूक्ष्मतम अवस्था है"
पर्याय: परा
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- व्यक्ति मंत्रों द्वारा परावाक् का विकास करता है।
- वहां वाक् का स्वरूप परावाक् होता है।
- इसी क्रम में परावाक् भी आवृत होती चली जाती है।
- यही अभ्यास क्रमश : व्यक्ति को मूलाधार में प्रवेश कराता है , जहां परावाक् का आसन है।
- मन्त्र शक्ति ही देवमाता- कामधेनु है , परावाक् देवी है , विश्व-रूपिणी है , देवताओं की जननी है।
- मन्त्र शक्ति ही देवमाता- कामधेनु है , परावाक् देवी है , विश्व-रूपिणी है , देवताओं की जननी है।
- इसी विमर्श को इस शास्त्र ने पराशक्ति , परावाक्, स्वातंत्र्य, ऐश्वर्य, कर्तृत्व, स्फुरता, सार, हृदय, स्पंद इत्यादि नामों से अभिहित किया है।
- इसी विमर्श को इस शास्त्र ने पराशक्ति , परावाक्, स्वातंत्र्य, ऐश्वर्य, कर्तृत्व, स्फुरता, सार, हृदय, स्पंद इत्यादि नामों से अभिहित किया है।
- इसी विमर्श को इस शास्त्र ने पराशक्ति , परावाक्, स्वातंत्र्य, ऐश्वर्य, कर्तृत्व, स्फुरता, सार, हृदय, स्पंद इत्यादि नामों से अभिहित किया है।
- इसी विमर्श को इस शास्त्र ने पराशक्ति , परावाक्, स्वातंत्र्य, ऐश्वर्य, कर्तृत्व, स्फुरता, सार, हृदय, स्पंद इत्यादि नामों से अभिहित किया है।