पाँख का अर्थ
[ paanekh ]
पाँख उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- चिड़ियों, कुछ कीटों आदि का एक अंग जो उड़ने में सहायक होता है:"शिकारी ने तलवार से पक्षी के दोनों पंख काट दिए"
पर्याय: पंख, पर, पांख, डैना, पक्ष, छद, तनूरुह, पतत्र, पाख - पक्षियों के बाहरी आवरण को बनाने वाली हल्की तथा जल निरोधक संरचना:"कृष्णजी अपने सिर पर मोर पंख धारण करते थे"
पर्याय: पंख, पर, पांख, पाँखड़ा, पतत्र, पाख
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- पर न भँवरा ये रूठा कँवल पाँख से ,
- नींद के आगे अब क्यों आँखें पाँख झुकायें
- सब्र का आकाश पाया एक टूटी पाँख में !
- हो उड़ान जिसकी अनंत उस मन-पंछी की पाँख चाहिए।
- पाँख खुले त· आँख ना , आँख खुले त· पाँख।
- मेँ लगाये पाँख पंखेरु से उ ड़ ,
- जाल हर विहग की पाँख पे
- पंखिहि तन सब पाँख ( सम्बन्ध )
- जिसमें इस बेपनाह गहराई में जाने की पाँख भी है . ..
- बरबस मन की कह देने को अधर बनी हर पाँख !