पाँयचा का अर्थ
[ paaneychaa ]
पाँयचा उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- पायजामे, सलवार आदि का वह निचला भाग जो टखने के पास होता है तथा अंदर की ओर मोड़कर सिला रहता है:"दरज़ी पाँयचे की सिलाई कर रहा है"
पर्याय: पौंचा, पाँयँचा - बिछौने या चारपाई का वह सिरा जिधर पैर रखते हैं:"कहते हैं कि सोते समय दक्षिण दिशा में पाँयता नहीं होना चाहिए"
पर्याय: पाँयता, पायँता, पाँयँता, पैताना, पायँत, पायँती, पायताना, पायतन, पाँयँचा, पायता, पायती - पाजामे आदि का वह भाग जिसमें टाँगे रहती हैं या जिससे जाँघ से टखने तक का अंग ढका रहता है:"दर्जी ने इस पाजामे की मोहरी बहुत पतली सी दी है"
पर्याय: मोहरी, पाँयँचा, पौंचा - पाखानों आदि में बना हुआ वह ऊँचा स्थान जिस पर पैर रखकर शौच के लिए बैठते हैं:"ये पाँयचे जमीन की सतह से बहुत ऊँचे हैं"
उदाहरण वाक्य
- पाँयचा दो गिरेबाँ पकडती है ।
- पाँयचा दो गिरेबाँ पकडती है ।
- अगर हमें कुत्तों जैसी महारथ मिली होती तो कविता सूँघ के राइटर की पतलून का पाँयचा खींच लाते . .
- पैंट का एक बौंल ( पाँयचा ) पूरा होता , दूसरा घुटने से ऊपर तक मुड़ा हुआ ! अजीब चाल-ढाल से चलते हुए कुछ ऐसा कहते , ‘‘ यक बौंलो बंद मेरो , यक बौंलो खुलिया।