पानफूल का अर्थ
[ paaneful ]
पानफूल उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक रस्म जिसमें विवाह संबंध स्थिर हो जाने पर दिया जाने वाला पुष्प सहित पान:"पानफूल के बाद विवाह-संबंध स्थिर मान लिया जाता है"
पर्याय: पूग-पुष्पिका, पूगपुष्पिका
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- मार्कण्डेय को अपने पहले कथा संग्रह ‘ पानफूल ' से ही प्रचुर ख्याति मिली।
- मार्कण्डेय का कहानी संग्रह ‘ पानफूल ' भी ‘ कल्पना ' से संबंधित प्रकाशन से ही प्रकाशित हुआ था।
- ‘ पानफूल ' संग्रह के प्रकाशन के अवसर पर श्री बद्रीविशाल पित्ती के आमंत्रण पर मार्कण्डेय कुछ दिनों के लिए हैदराबाद गए थे।
- मार्कण्डेय को अपने पहले कथा संग्रह ‘ पानफूल ' से ही प्रचुर ख्याति मिली यद्यपि इस संग्रह की कहानियाँ वामपंथी विचारधारा के स्तर पर मुखर नहीं थीं।
- कौंचा में कंकन , कंगन , कोंचिया , कड़ा , गजरा , गुंजें , चुरियां , चूरा छल्ला , दौरी , बंगलिया , बेलचूड़ी पानफूल लाखैं आदि पहनने की परिपाटी है ।
- प्रारम् भ में ‘ कल्पना ' के माध्यम से ही मार्कण्डेय की कहानियाँ साहित्य जगत में चर्चित हुईं और उनका पहला कहानी संग्रह ‘ पानफूल ' नवहिन् द पब्लिकेशन् स से ही 1954 में प्रकाशित हुआ था।
- उन्हीं के शब्दों में , “वह असलियत की खोज में है और उन शक्तियों को पहचानना चाहता है जो वास्तविकताओं के निर्माण और परिवर्तन में लगी हुई हैं।”१ स्वयं मार्कण्डेय अपने 'पानफूल', 'महुए का पेड', 'हंसा जाइ अकेला', 'भूदान', 'सहज और शुभ' तथा 'बीच के लोग' आदि कहानी-संग्रहों में न केवल अपने समय की वास्तविकताओं को पहचानते हैं, उनसे टकराते हैं अपितु परिवर्तनकारी शक्तियों के साथ खडे दिखायी भी देते हैं।