पापहीन का अर्थ
[ paaphin ]
पापहीन उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषणउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- मानहीन पापहीन और क्रोधहीन है , जो [भक्ति करनेमें] निपुण और
- ये निर्विकार , निरंजन , सर्वव्यापक , स्वयं प्रकाशमान और पापहीन आत्मा हैं।
- जिस तरह मृत्युहीन जीवन असम्भव है , सम्भवतः उसी तरह पापहीन जीवन भी असम्भव है।
- वे तुरंत ही आपके समस्त अपराध क्षमा कर देंगे . ... और आपको पापहीन कर देंगे .... ”
- सुख-दुख , लाभ-हानि , जय-पराजय से ऊपर उठकर किया हुआ युद्ध पापहीन होता है ( बाकी सब लड़ाइयों में पाप है )
- “ ले जाओ इसे और इसकी जीभ काट दो . ... यह मुझे पापहीन करना चाहता था .... प्राणहीन कर दो इसे .....
- पापहीन पर कृत्या का उपयोग करने के कारण वह कृत्या उन्हीं पर आकृमण किया और उन पुरोहितों को जला कर स्वयं नष्ट हो गई ।
- मैं तो ब्राह्मण उसी को कहूँगा जो कामतृष्णा का त्यागी , अनासक्त, अहिंसक, मन-वचन-काय से पापहीन, रागद्वेष मान से रहित, क्षमाशील, ज्ञानी, ध्यानी, क्षीणस्रव अरहंत हैं।
- मैं तो ब्राह्मण उसी को कहूँगा जो कामतृष्णा का त्यागी , अनासक्त, अहिंसक, मन-वचन-काय से पापहीन, रागद्वेष मान से रहित, क्षमाशील, ज्ञानी, ध्यानी, क्षीणस्रव अरहंत हैं।
- मेरे प्रिय श्लोक “सुख दुखे समे कृत्वा . ..” में कहा गया है कि सुख, विजय, लाभ, यश की कामना के बिना किया गया युद्ध ही पापहीन हो सकता है।