पिठवन का अर्थ
[ pithevn ]
पिठवन उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक लता जो दवा के काम में आती है:"पिठवन में सफेद और गोल फूल लगते हैं"
पर्याय: पिठवनलता, दीर्घपर्णी, पृष्णिपर्णी, लांगुली, श्वपुच्छा, वृश्चिका, पिठौनी, लांगली, लांगुलीका, लांगूला, लांगूली, ब्रह्मपर्णी, चक्रपर्णी, सिंहपुच्छ, सिंहपुष्पी, पर्णिका
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- पिठवन के पत्तों को मोटा-मोटा पीसकर छाया में सुखाकर रखें।
- ये दस जड़ें जिन वनस्पतियों की होती हैं वे हैं- बेल , गम्भारी, पाटल, अरनी, अरलू, सरिवन, पिठवन, बड़ी कटेरी, छोटी कटेरी और गोखरू।
- रक्तार्श ( खूनी बवासीर) और शराब की अधिकता से पैदा हुए रोगों में पिठवन और खिरैटी का काढ़ा 10-20 मिलीलीटर की मात्रा में पीना काफी लाभदायक होता है।
- चिरायता , नागरमोथा , नेत्रबाला , छोटी कटेरी , बड़ी कटेरी , गोखरू , गिलोय , सोंठ , सरिवन , पिठवन और पोहकरमूल को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर पीने से वात के बुखार में लाभ मिलता है।
- चिरायता , नागरमोथा , नेत्रबाला , छोटी कटेरी , बड़ी कटेरी , गोखरू , गिलोय , सोंठ , सरिवन , पिठवन और पोहकरमूल को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर पीने से वात के बुखार में लाभ मिलता है।
- चिरायता , गिलोय , कटाई , कटेली , सुगन्धबाला , नागरमोथा , गोखरू , सरिवन , पिठवन और सोंठ को लेकर मोटा-मोटा पीसकर काढ़ा बनाकर रख लें , फिर इस काढ़े को रोगी को पिलाने से वात के बुखार में लाभ मिलता है।
- चिरायता , गिलोय , कटाई , कटेली , सुगन्धबाला , नागरमोथा , गोखरू , सरिवन , पिठवन और सोंठ को लेकर मोटा-मोटा पीसकर काढ़ा बनाकर रख लें , फिर इस काढ़े को रोगी को पिलाने से वात के बुखार में लाभ मिलता है।