पुण्डरी का अर्थ
[ punedri ]
पुण्डरी उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- मंगलम् पुण्डरी काक्षः , मंगलाय तनो हरिः ॥
- मंगलम् पुण्डरी काक्षः , मंगलाय तनो हरिः ॥
- नमस्ते पुण्डरी काक्ष , नमस्ते पुरुषोत्तम ।
- नाग पुण्डरी का स्थान सामने की पहाड़ी पर है।
- मढ़ासुरराज ने पुण्डरी शहर बसाया और उसे अपनी राजधानी बनाया।
- मेले मे माँ तथा नाग पुण्डरी के रथ सजाए जाते है।
- दुर्गा अष्टमी को ही दोपहर बाद देवी तथा पुण्डरी नाग के रथ सजते है।
- पुण्डरी काक्षः ' लिखते हैं , तो ये शब्द अर्थहीन हो जाते हैं ।
- उक्त श्लोक के तीसरे चरण में ‘ पुण्डरी काक्षः ' लिख गया है ।
- ऐसा लगता है कि मानो ‘ पुण्डरी ' एवं ‘ काक्षः ' दो शब्द हैं ।