पुत्तिका का अर्थ
[ putetikaa ]
पुत्तिका उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
- धर्म शनैः संचनुयाद्वल्मीकमिव पुत्तिका : , परलोक सहायार्थ सर्वभूतान्यपीडयन् | ” अर्थात जिस तरह दीमक अपने निवास के निर्माण के लिये धीरे धीरे बांबी बनाती है उसी तरह परलोक में अपने जीवन को सुधारने के लिये किसी भी अन्य जीव को कष्ट पहुँचाए बिना पुण्य कर्मों का संग्रह करना चाहिये | तथा “ दृढ़कारी भृदुदन्ति : क्रूराचरैरसंवसन् , अहिंस्रो दमदानाभ्यो जयेत्स्वर्ग तथावत : | ” अर्थात दृढ़ निश्चय , दयालु तथा आत्म संयमी व्यक्ति ही स्वर्ग का अधिकारी बनता है अर्थात मरणोपरान्त भी उसकी कीर्ति विद्यमान रहती है |