प्रबन्ध-काव्य का अर्थ
[ perbendh-kaavey ]
प्रबन्ध-काव्य उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- गद्य या संबद्ध पद्यों में लिखा हुआ ग्रंथ:"उन्होंने कहानी, उपन्यास के अतिरिक्त प्रबंधकाव्य भी लिखे हैं"
पर्याय: प्रबंधकाव्य, प्रबंध-काव्य, प्रबन्धकाव्य, प्रबंध, प्रबन्ध
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- आजकल संपाति-चिन्ता नामक प्रबन्ध-काव्य लिख रहा हूँ।
- वह प्रबन्ध-काव्य की वंशज है या उसका काव्य की प्रबन्धात्मकता से कोई सम्बन्ध नहीं है ?
- उनके ' जीर्ण जनपद शीर्षक प्रबन्ध-काव्य में किसानों के अभिशप्त जीवन की करुण झांकी मिलती है - '' दीन कृषक जन औरहु दया योग दरसावहीं ।
- पिछले पच्चीस वर्षों में कुँवर नारायण की कृति ‘आत्मजयी ' ने हिन्दी साहित्य के एक मानक प्रबन्ध-काव्य के रूप में अपनी एक खास जगह बनायी है और यह अखिल भारतीय स्तर पर प्रशंसित हुआ है।
- नामवर सिंह के अनुसार जिस साहित्य में काव्योत्कर्ष के मानदण्ड प्रबन्ध-काव्य के आधार पर बने हों और जहाँ प्रबंध-काव्य को ही व्यापक जीवन के प्रतिबिम्ब के रूप में स्वीकार किया गया हो , उसकी कविता का इतिहास मुख्यतः प्रगीत मुक्तकों का है।
- किन्तु , अन्य बहुत-सी बातों की तरह मैं इस बात का भी महत्त्व समझता हूँ कि भारतीय जनता के हृदय में प्रबन्ध-काव्य का प्रेम आज भी काफी प्रबल है और वह अच्छे उपन्यासों के साथ-साथ ऐसी कविताओं के लिए भी बहुत ही उत्कण्ठित रहती है।
- मुझे यह भी पता है कि जिन देशों अथवा दिशाओं से आज हिन्दी-काव्य की प्रेरणा पार्सल से , मोल या उधार , मँगायी जा रही है , वहाँ कथा-काव्य की परम्परा निःशेष हो चुकी है और जो काम पहले प्रबन्ध-काव्य करते थे वही काम अब बड़े मजे में उपन्यास कर रहे हैं।