प्रियवादी का अर्थ
[ periyevaadi ]
प्रियवादी उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषणउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- प्रियवादी च नैतद्विश्वासकारणम्।मधु तिष्ठति जिह्मवाग्रे हृदि हालाहलं विषम्।
- दुष्ट मनुष्य का प्रियवादी होना यह विश्वास का कारण नहीं है।
- दुष्ट मनुष्य का प्रियवादी होना यह विश्वास का कारण नहीं है।
- प्रियवादी पत्नी , इच्छापूर्ति के लिए पर्याप्त धन, अपनी पत्नी से प्रीति,
- और दुष्ट मनुष्य का प्रियवादी होना यह विश्वास का कारण नहीं है।
- दुर्जन मानव का प्रियवादी होना यह उस पर विश्वास रखने का कारण नहीं है ।
- वह जातक श्रेष्ठ , बुद्धिमान, विद्वान, यशस्वी, राज्य द्वारा सम्मान प्राप्त, स्थिर धन वाला, सेवाकर्म करने में लीन, प्रियवादी, मंत्री, राजा के समान जीवन यापन करने वाला सहित अन्य कार्य में निपुण रहेगा।
- चाणक्य के अनुसार जिस गृहस्थाश्रम में आनन्दपूर्वक गृह , बुद्धिमान पुत्र , प्रियवादी पत्नी , इच्छापूर्ति के लिए पर्याप्त धन , अपनी पत्नी से प्रीति , आज्ञाकारी सेवक , अतिथि सत्कार , देव-पूजन , प्रतिदिन मधुर भोजन तथा सत्पुरुषों के संग-सत्संग का सुअवसर सदा सुलभ होता है , वह धन्य है।
- चाणक्य के अनुसार जिस गृहस्थाश्रम में आनन्दपूर्वक गृह , बुद्धिमान पुत्र , प्रियवादी पत्नी , इच्छापूर्ति के लिए पर्याप्त धन , अपनी पत्नी से प्रीति , आज्ञाकारी सेवक , अतिथि सत्कार , देव-पूजन , प्रतिदिन मधुर भोजन तथा सत्पुरुषों के संग-सत्संग का सुअवसर सदा सुलभ होता है , वह धन्य है।