बहुँटा का अर्थ
[ bhunetaa ]
बहुँटा उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक प्रकार का हस्ताभूषण:"छत्तीसगढ़ी महिलाओं में भी बहुँटा का अत्यधिक प्रचलन है"
पर्याय: बहुंटा
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- १० . बोंटा, बहुँटा, बोंहटा-बाहु से बहुँटा, बोंहटा या बोंटा नाम पड़ा है ।
- १० . बोंटा, बहुँटा, बोंहटा-बाहु से बहुँटा, बोंहटा या बोंटा नाम पड़ा है ।
- आदिवासी कोंदर , गोंड आदि बहुँटा या पटा बहुँटा में अधिक रुचि रखते थे ।
- आदिवासी कोंदर , गोंड आदि बहुँटा या पटा बहुँटा में अधिक रुचि रखते थे ।
- बाजू में अनन्ता , बखौरियां खग्गा , बजुल्ला , बाजूबन्द तथा बहुँटा पहने जाते हैं ।
- उदाहरण के लिए , गोंडों में प्रचलित पटा बहुँटा, चुटकी, हमेल और बारी अन्य वर्गों या जातियों में भी पहने जाते हैं ।
- उदाहरण के लिए , गोंडों में प्रचलित पटा बहुँटा , चुटकी , हमेल और बारी अन्य वर्गों या जातियों में भी पहने जाते हैं ।
- पटा बहुँटा , चुटकी तोड़ा , पैरी , हमेल , तरकी बारी , टिकुसी आदि गौंड महिलाओं के पारंपरिक अलंकरण हैं |भील जनजाति की महिलाएँ सिर से लेकर पैर तक गहनों से लदी रहती हैं ।
- कुण्डल , स्वर्णमाला, सिक्कों का हार, केयूर आदि आभूषण प्रमुख रुप से चर्चित थे, पर लोक और विोष रुप में आदिवासियों के बीच चूड़ा, तोड़ा, पैरी, सतुवा, बहुँटा, झरका, जुरिया, टोडर, टकार आदि प्रचलित थे ।
- आदिम जाति कल्याम विभाग के छतरपुर हॉस्टल में सेवारत कन्नू कोंदर की पत्नी से साक्षात्कार करने पर कोंदरों के परम्परित जेवरों में केवल टोड़र , पैजना, करधौनी, बहुँटा, चंदौली, कँटीला गजरा, मुँदरी, छला, कन्नफूल, पुँगारिया, खँगौंरिया और टकार तथा पुरुषों के घुँघरु आभूषणों के नाम मिले, जो उसने अपनी पिछली पीढ़ी, में प्रचलित देखे थे ।