भक्षित का अर्थ
[ bheksit ]
भक्षित उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषणउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- इसमें कोई भक्षी है , कोई भक्षित है , तो वही भक्षित किसी और का भक्षी है।
- इसमें कोई भक्षी है , कोई भक्षित है , तो वही भक्षित किसी और का भक्षी है।
- इसका तात्पर्य यही हो सकता है कि भक्षित श्राद्धान्न का सार भाग पितरो ं को प्राप्त होता है।
- इसका तात्पर्य यही हो सकता है कि भक्षित श्राद्धान्न का सार भाग पितरो ं को प्राप्त होता है।
- इसी प्रकार उक्त भक्षित अन्न का सूक्ष्मतम भाग यजमान के श्रद्धा , सत्य संकल्प और ब्रह्मण्यता आदि सद्गुणों के प्रभाव से तथा तत्तद् वैदिक क्रियाकलाप की सामर्थ्य से देव पितरों का परिपोषक सिद्ध होता है।
- ऐसे पुत्र अनेक विषयों में अपने आग्रह करते हैं जिससे राज्य की रक्षा में बहुत कठिनाई आती है , जैसे व्याघ्र द्वारा भक्षित मांस की व्याघ्र के रहते हुए रक्षा नहीं हो सकती है।
- इसी प्रकार उक्त भक्षित अन्न का सूक्ष्मतम भाग यजमान के श्रद्धा , सत्य संकल्प और ब्रह्मण्यता आदि सद्गुणों के प्रभाव से तथा तत्तद् वैदिक क्रियाकलाप की सामर्थ्य से देव पितरों का परिपोषक सिद्ध होता है।
- वास्तव में यदि यहां भक्षित अन्न अन्यत्र किसी दूसरे के देह को मिल सकता तो अवश्य ही परदेस में प्रवास में गये व्यक्ति की वहां भोजन की व्यवस्था आसान हो जाती - यहां उसका श्राद्ध कर दो और वहां उसकी भूख शांत हो जाये !
- जब मै इस औषधि का पूजन कर हाथ में ग्रहण करता हूँ तब यक्षमा रोग का स्वरुप इसके भक्षित होने से पहले ही नष्ट होने लगता है जैसे वध- गृह को ले जाया जाता हुआ पुरुष वध से पहले ही अपने को नष्ट हुआ मान लेता है ।
- जैसे भक्षित अन्न का स्थूल भाग मलरूप से बाहर निकल जाता है और उसका सूक्ष्मभाग रस , रक्त, मांस मेद, अस्थि, मज्जा और वीर्य रूप में परिणत होकर शारीरिक पोषण का हेतु बनता है तथा उसका ही सूक्ष्मतर भाग नस्य, आघ्रेय आदि रूपों में परिणत होकर इंद्रिय और मन को परम्परा से अन्ततोगत्वा भोक्ता के चेतन जीव का 'आस्वाद्य' बन जाता है।