भारवी का अर्थ
[ bhaarevi ]
भारवी उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- पवित्र माना जाने वाला एक झाड़ जिसकी पत्तियों में गंध होती है:"तुलसी की पत्तियाँ औषध के काम में आती हैं"
पर्याय: तुलसी, पावनी, बहुमंजरी, वृंदा, वृन्दा, वैष्णवी, मंजरीक, विश्वपावन, विश्वपूजिता, पुष्पसारा, त्रिदशमंजरी, त्रिदशमञ्जरी, तीव्रा, पत्रपुष्पा, श्रीमंजरी, श्रीमञ्जरी, प्रेतराक्षसी, भूतघ्नी, भूतपत्री, अमृता, पुण्या, पवित्रा, पर्णास
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- तुलसी , बहुमंजरी, वृंदा, वृन्दा, वैष्णवी, भारवी, मंजरीक, 4.
- किरातार्जुन पढते समय भारवी कवि की स्मृति हो आती है।
- किरातार्जुन पढते समय भारवी कवि की स्मृति हो आती है।
- तुलसी , बहुमंजरी , वृंदा , वृन्दा , वैष्णवी , भारवी , मंजरीक , 4 .
- तुलसी , बहुमंजरी , वृंदा , वृन्दा , वैष्णवी , भारवी , मंजरीक , 4 .
- रात की ये परिभाषा अगर कालिदास या भारवी की आत्माएँ सुन लें तो जागरण चौराहे पर अवतरित हो जाँय।
- वाल्मीकि , व्यास ,कालिदास ,अश्व घोष ,भारवी ,माघ ,भवभूति ,विशाख ,मम्मट ,दंडी तथा श्री हर्ष आदि संस्कृत की महान विभूतियाँ है ।
- वाल्मीकि , व्यास , कालिदास , अश्वघोष , भारवी , माघ , भवभूति , विशाख , मम्मट , दंडी तथा श्रीहर्ष आदि संस्कृत की महान विभूतियाँ है।
- वाल्मीकि , व्यास , कालिदास , अश्वघोष , भारवी , माघ , भवभूति , विशाख , मम्मट , दंडी तथा श्रीहर्ष आदि संस्कृत की महान विभूतियाँ है।
- उन्होने गंगा के स्वर्ग से पृथ्वी पर आने को उसका महान त्याग बताया , 6 वी शताब्दी में किरार्जुनीय में भारवी ने उत्तररामचरितमें भवभूति ने गंगा के असीम वैभव का वर्णन किया।