भिखारिणी का अर्थ
[ bhikhaarini ]
भिखारिणी उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- विश्वंभरनाथ कौशिक का ' माँ', 'भिखारिणी', श्री प्रतापनारायण श्रीवास्तव का
- किंतु माँग कर खाने वाली / भिखारिणी के पाँवा में
- राजकुमारी भी क्या मेरी ही जैसी राह की भिखारिणी हुआ करती हैं ? '
- क्या भिखारिणी बन जाऊँ इसमें भी जग-हँसाई होगी और न जाने प्रबल भावी
- साल-भर तक टाल रखा था , अब द्वार पर खड़ी होनेवाली भिखारिणी न थीं, बल्कि
- ' क्या अब भी मैं राजकुमारी ही हूँ ? राजकुमारी भी क्या मेरी ही जैसी राह की भिखारिणी हुआ करती हैं ? '
- माता भिखारिणी हो , पिता मजदूरी करता हो ; परन्तु इससे क्या , अपनी भोली-भाली और अबोध संतान के लिए निर्धन दम्पति के हृदय में वैसा ही स्नेह का स्रोत-प्रवहित रहता है।
- वह जरूरतें जिनको उसने साल-भर तक टाल रखा था , अब द्वार पर खड़ी होनेवाली भिखारिणी न थीं , बल्कि छाती पर सवार होनेवाली पिशाचनियाँ थीं , जो अपनी भेंट लिये बिना जान नहीं छोड़तीं।
- ‘‘ कबीर के बारे में किसी ने यह सही लिखा प्रतीत होता है , ” ज्ञान में कबीर परम हंस , कल्पना में योगी , और अनुभूति में प्रिय के प्रेम की भिखारिणी पतिव्रता नारी हो।
- ।“ कबीर के बारे में किसी ने यह सही लिखा प्रतीत होता है , ”ज्ञान में कबीर परम हंस, कल्पना में योगी, और अनुभूति में प्रिय के प्रेम की भिखारिणी पतिव्रता नारी हो।‘‘ कबीर में अतिवाद कहीं भी नहीं।