मंजरिका का अर्थ
[ menjerikaa ]
मंजरिका उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- इसलिए इसे द्वादश मंजरिका भी कहते हैं।
- प्रति रसाल तरू साकी सा है , प्रति मंजरिका है प्याला,
- आदि शंकराचार्य ने अपने द्वादस मंजरिका स्तोत्र में कहा है , “ पुनरपि जननंम , पुनरपि मरणंम , पुनरपि जननी जठरे शयनंम ” .
- प्रति रसाल तरू साकी सा है , प्रति मंजरिका है प्याला,छलक रही है जिसके बाहर मादक सौरभ की हाला,छक जिसको मतवाली कोयल कूक रही डाली डालीहर मधुऋतु में अमराई में जग उठती है मधुशाला।
- ३३।प्रति रसाल तरू साकी सा है , प्रति मंजरिका है प्याला,छलक रही है जिसके बाहर मादक सौरभ की हाला,छक जिसको मतवाली कोयल कूक रही डाली डालीहर मधुऋतु में अमराई में जग उठती है मधुशाला।।
- ३३। प्रति रसाल तरू साकी सा है , प्रति मंजरिका है प्याला, छलक रही है जिसके बाहर मादक सौरभ की हाला, छक जिसको मतवाली कोयल कूक रही डाली दालीहर मधुऋतु में अमराई में जग उठती है मधुशाला।
- प्रति रसाल तरू साकी सा है , प्रति मंजरिका है प्याला, छलक रही है जिसके बाहर मादक सौरभ की हाला, छक जिसको मतवाली कोयल कूक रही डाली डाली हर मधुऋतु में अमराई में जग उठती है मधुशाला।
- प्रति रसाल तरू साकी सा है , प्रति मंजरिका है प्याला, छलक रही है जिसके बाहर मादक सौरभ की हाला, छक जिसको मतवाली कोयल कूक रही डाली डाली हर मधुऋतु में अमराई में जग उठती है मधुशाला।।
- ३३। प्रति रसाल तरू साकी सा है , प्रति मंजरिका है प्याला, छलक रही है जिसके बाहर मादक सौरभ की हाला, छक जिसको मतवाली कोयल कूक रही डाली डाली हर मधुऋतु में अमराई में जग उठती है मधुशाला।
- ३३ । प्रति रसाल तरू साकी सा है , प्रति मंजरिका है प्याला , छलक रही है जिसके बाहर मादक सौरभ की हाला , छक जिसको मतवाली कोयल कूक रही डाली डालीहर मधुऋतु में अमराई में जग उठती है मधुशाला।।